नई दिल्ली। 3 केंद्रीय अस्पतालों में मरीजों के लिए सेवाएं सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी प्रभावित हुईं, क्योंकि नीट पीजी-2021 की काउंसलिंग बार-बार स्थगित करने के विरोध में इन अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में सेवाएं प्रदान नहीं कीं।
राममनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल), सफदरजंग और लेडी हार्डिंग अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहीं। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) ने शनिवार को इस मामले पर ओपीडी सेवाओं को बंद करने का आह्वान किया था। एफओआरडीए के आह्वान के बाद 27 नवंबर को देशभर के कई अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर ओपीडी सेवाओं से हट गए थे।
एफओआरडीए ने 27 नवंबर को एक बयान में कहा था, विरोध में देशभर के रेजिडेंट डॉक्टरों की भागीदारी देखी गई। इसके बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और एफओआरडीए अध्यक्ष के बीच स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, निर्माण भवन, नई दिल्ली में एक बैठक हुई।
बैठक में हुई विस्तृत चर्चा को विभिन्न राज्यों के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के प्रतिनिधियों के साथ हुई डिजिटल बैठक में सामने रखा गया... यह निर्णय किया गया है कि ओपीडी सेवाओं से दूर रहना जारी रहेगा।
इसने कहा, सोमवार को एक राष्ट्र स्तरीय समीक्षा बैठक होगी। न्याय की इस लड़ाई में चिकित्सा जगत एकजुट है।एफओआरडीए ने एक अन्य बयान में कहा था कि उसे स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय से एक संदेश प्राप्त हुआ है, जिसमें कहा गया है कि आरक्षण नीति के लंबित मुद्दे की जांच-पड़ताल की प्रक्रिया आगामी बुधवार (चार सप्ताह के बजाय) तक पूरी हो जाएगी और मामले को अगले हफ्ते ही उच्चतम न्यायालय में रखा जाएगा। उसने कहा, हालांकि हम अपना विरोध जारी रखे हुए हैं।(भाषा)