नोटबंदी मामले में केंद्र, रिजर्व बैंक को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

Webdunia
सोमवार, 6 मार्च 2017 (20:21 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने देश की जनता से किए गए वादे के अनुरूप 31 मार्च 2017 तक 500 और 1,000 रुपए के नोट जमा करने की अनुमति नहीं देने को लेकर केंद्र सरकार एवं भारतीय रिजर्व बैंक से जवाब तलब किया है। 
शीर्ष अदालत ने सोमवार को जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक को नोटिस जारी करके 10 मार्च तक जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। मामले की सुनवाई 10 मार्च को ही होगी। 
 
जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि पहले प्रधानमंत्री और आरबीआई ने घोषणा की थी कि जो लोग किसी भी वजह से पुराने नोट जमा नहीं कर पाए, वे 31 मार्च तक रिजर्व बैंक में जमा करा सकते हैं, लेकिन बाद में यह सीमा 30 दिसंबर 2016 तक ही कर दी गई। 
 
गौरतलब है कि नोट जमा करने के लिए 31 मार्च 2017 तक की यह छूट प्रवासी भारतीयों को ही दी गई है। याचिका में कहा गया है कि सरकार ने पहले इस तरह की घोषणा की थी इसलिए सुप्रीम कोर्ट उसे आदेश दे कि पुराने नोट जमा कराने की सीमा 31 मार्च तक की जाए। 
 
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने कालाधन, जाली नोट और आतंकवाद एवं नक्सलियों को की जाने वाली फंडिंग से निपटने के लिए 8 नवंबर को 500 और 1000 के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था। (वार्ता)
Show comments

जरूर पढ़ें

Bomb threat : 50 उड़ानों में बम की धमकी मिली, 9 दिन में कंपनियों को 600 करोड़ का नुकसान

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के बीच सीटों का फॉर्मूला तय

गुरमीत राम रहीम पर चलेगा मुकदमा, सीएम मान ने दी अभियोजन को मंजूरी

Gold Silver Price Today : चांदी 1 लाख रुपए के पार, सोना 81000 के नए रिकॉर्ड स्तर पर

दो स्‍टेट और 2 मुख्‍यमंत्री, क्‍यों कह रहे हैं बच्‍चे पैदा करो, क्‍या ये सामाजिक मुद्दा है या कोई पॉलिटिकल गेम?

सभी देखें

नवीनतम

JMM की 35 उम्मीदवारों की पहली सूची, हेमंत सोरेन बरहेट से चुनाव मैदान में

Petrol Diesel Prices: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हुआ बदलाव, टंकी भरवाने के पहले जानें ताजा भाव

वाइब्रेंट विंध्य: रीवा में आज प्रदेश की 5वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, बोले CM डॉ. मोहन यादव, क्षेत्र विकास का नया कीर्तिमान बनाएगा

Weather Updates: दाना तूफान देगा दस्तक, बंगाल और ओडिशा में भारी बारिश की संभावना

यूपी उपचुनाव : कांग्रेस को मिलेगी फूलपुर, बदले में क्या चाहते हैं अखिलेश यादव?

अगला लेख
More