श्रम मंत्रालय अगले वित्त वर्ष से नया श्रम कानून यानि लेबर लॉ लागू करने की तैयारी में है। इस नए कानून के बाद देश में कई नए और बेहतर नियम लागू होंगे। इसके साथ ही सरकार नए श्रम कानूनों की वजह से पैदा होने वाली आंशकाओं का समाधान करने की भी कवायद भी कर रही है।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार नए कानूनों में ओवरटाइम के लिए मौजूदा समय सीमा को बदल सकती है। नए श्रम कानून के तहत निर्धारित समय से 15 मिनट भी ज्यादा काम करने पर कर्मचारी ओवरटाइम के लिए पात्र माने जाएंगे।
इसके बाद कंपनियों को ओवरटाइम का भुगतान करना होगा। काम के निर्धारित समय पूरा होने पर कर्मचारी के 15 मिनट भी अतिरिक्त कार्य करने पर कर्मचारी को कंपनी द्वारा भुगतान करना होगा।
वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत कम से कम आधा घंटा अतिरिक्त कार्य को ही ओवरटाइम माना जाता है। नए श्रम कानूनों में कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी कर्मचारियों को पीएफ और ईएसआई जैसी सुविधाएं मिलें।
कोई भी कंपनी ऐसा करने से इनकार नहीं कर सकती, चाहे कर्मचारी कॉन्ट्रैक्टर के जरिये लिए गए हों या किसी तीसरी पार्टी के जरिये। इसके साथ ही कॉन्ट्रैक्ट या थर्ड पार्टी कर्मचारियों को भी पूरी सैलरी मिले, इसकी भी जिम्मेदारी नियोक्ता की ही होगी।