1999 में कांग्रेस छोड़कर बनाई थी NCP, कई बार चकमा देकर चौंकाया, अब भतीजे से मिली मात, क्‍या है शरद का सफर

Webdunia
सोमवार, 3 जुलाई 2023 (12:47 IST)
Sharad pawar and NCP: महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्‍य माने जाने वाले NCP प्रमुख शरद पवार को उनके ही भतीजे अजित पवार से ‘सियासत में मात’ मिली है। अजीत पवार फडणवीस-शिंदे सरकार में शामिल हो गए और उप-मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनका दावा है कि उन्‍हें 40 एमएलए का समर्थन मिला हुआ है।    
ऐसे में चर्चा है कि आखिर राजनीति के चाणक्‍य माने जाने वाले शरद पवार को कैसे उनके अपने ही भतीजे ने चकमा दे डाला। बता दें कि 82 साल के शरद पवार ने एक लंबा और कामयाब राजनीतिक सफर तय किया है। जानते हैं उनका अब तक का राजनीतिक सफर।

1960 में शुरू हुआ सफर: 82 साल के शरद पवार सिर्फ़ महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि केंद्र की राजनीति में भी हावी रहे हैं। वे 3 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, कई बार केंद्रीय मंत्री और आईसीसी और बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे हैं। उनकी राजनीतिक चालों की वजह से कई बार भारतीय राजनीति प्रभावित हुई। बता दें कि शरद पवार ने 1 मई 1960 को अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था।

राजनीति : शरद पवार का जन्म 12 दिसंबर 1940 को महाराष्ट्र के बरामती में गोविंदराव पवार और शारदाबाई पवार के घर हुआ था। उनके पिता बारामती किसान सहकारी समिति के साथ काम करते थे। पवार के 5 भाई और 4 बहनें है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा महाराष्‍ट्र एजुकेशन सोसाइटी के एक स्‍कूल में हुई थी। उन्होंने पुणे के बृहन महाराष्ट्र कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अपनी पढ़ाई पूरी की। शरद पवार को राजनीति में दिलचस्पी थी इसलिए पढ़ाई के बाद राजनीति में आ गए।

1999 में NCP की स्थापना : दरअसल, शरद पवार ने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी। लेकिन 1999 राष्‍ट्रीय कांग्रेस से अलग होकर उन्होंने राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की स्थापना की। वे खुद इस पार्टी के अध्‍यक्ष बने। यह पार्टी शरद पवार, पीए संगमा और तारीक अनवर ने मिलकर बनाई थी। उस समय सोनिया गांधी के विदेशी होने का मुद्दा जमकर बहस का मुद्दा था। इसी बात को लेकर शरद पवार कांग्रेस से अलग हो गए थे।

राजनीति के चाणक्य : भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार की पहल पर ही महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी यानी एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार बनी थी। बाद में शिवसेना टूट जाने के कारण यह गठबंधन की भी टूट गया। शरद पवार ने अपने नाम कई बड़े रिकॉर्ड किए। 55 सालों के राजनीतिक अनुभव के साथ शरद पवार 1967 से एक भी विधानसभा या लोकसभा चुनाव नहीं हारे। वे 3 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद पर काबिज हुए।

भ्रष्टाचार के भी आरोप : शरद पवार के लंबे राजनीति करियर में उन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे। 2005 से 2008 तक उन्‍होंने अध्‍यक्ष के रूप में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की सेवा की। उन्‍होंने इंग्‍लैंड के डेविड मॉर्गन के स्‍थान पर अंतर्राष्‍ट्रीय क्रिकेट परिषद के अध्‍यक्ष का प्रतिष्ठित पद भी संभाला था।

कैंसर को दी मात : शरद पवार को गुटखा खाने की वजह से कैंसर जैसी घातक बीमारी का सामना करना पड़ा। इस आदत की वजह से उन्हें मुंह का कैंसर हो गया। कैंसर के बारे में पता चलने के बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि अब उनका राजनीतिक सफर खत्‍म हो जाएगा। लेकिन 2004 में अपने मुंह की सर्जरी कराई और इस बीमारी को मात दी। मार्च 2021 में उन्‍होंने अपनी पित्तशय की थैली की समस्‍या के लिए सर्जरी करवाई थी।

शरद पवार का व्‍यक्‍तिगत जीवन : शरद पवार की शादी पूर्व टेस्ट क्रिकेटर सदाशिव शिंदे की बेटी प्रतिभा से हुई है। दोनों की एक बेटी सुप्रिया सुले हैं, जो बारामती से NCP सांसद हैं। एक इंटरव्‍यू में पवार ने बताया था कि उन्‍होंने अपनी पत्‍नी प्रतिभा के सामने एक ही संतान पैदा करने की शर्त रखी थी, चाहे वो लड़का हो या लड़की। 30 जून 1969 को पुणे में सुप्रिया का जन्‍म हुआ। साल 2017 में शरद पवार को दूसरा सर्वोच्‍च नागरिक पुरस्‍कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

अब शरद पवार 82 की उम्र में भी सक्रिय हैं। भतीजे अजीत पवार की बगावत के बाद भी हाल ही में उन्‍होंने कहा है कि इस तरह की बगावत उन्‍होंने कई बार देखी हैं और पार्टी को खड़ा किया है, एक बार फिर से पार्टी को खड़ा करुंगा।
Edited by navin rangiyal

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