नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से टेलीफोन पर बातचीत की और इस बात पर बल दिया कि यूक्रेन संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने यह रेखांकित भी किया कि परमाणु प्रतिष्ठानों को खतरे में डालने के दूरगामी और विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी और जेलेंस्की ने यूक्रेन में जारी युद्ध पर बातचीत की और इस दौरान एकबार फिर दोहराया कि वार्ता और कूटनीति के जरिए ही इसका समाधान निकल सकता है। मोदी ने जल्द से जल्द युद्ध की समाप्ति का भी आह्वान किया।
पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने दृढ़ विश्वास जताया कि यू्क्रेन संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने यह संदेश भी दिया कि भारत किसी भी शांति प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है। मोदी ने इस दौरान संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सभी देशों की क्षेत्रीय एकता व सार्वभौमिकता का सम्मान करने के महत्व को एक बार फिर दोहराया।
बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन सहित अन्य परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर जोर देते कहा कि परमाणु प्रतिष्ठानों को खतरे में डालने के जन स्वास्थ्य, पर्यावरण पर दूरगामी और विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच पिछले साल नवंबर में ग्लासगो में द्विपक्षीय वार्ता हुई थी।Edited by: Ravindra Gupta(भाषा)