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कालेधन के खिलाफ जंग को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा : नरेन्द्र मोदी

हमें फॉलो करें कालेधन के खिलाफ जंग को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा : नरेन्द्र मोदी
, रविवार, 25 दिसंबर 2016 (19:10 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए रविवार को कहा कि कुछ लोगों ने इस अभियान को सांप्रदायिक रंग देने की भी कोशिश की, लेकिन उन्होंने भी इन विरोधी ताकतों से मुकाबला करने की ठान ली है। 
मोदी ने नोटबंदी के बाद अपने दूसरे और इस साल के अंतिम 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा कि नोटबंदी के बाद तरह-तरह की अफवाहें फैलाई गईं, लेकिन देश की जनता ने सरकार का साथ दिया। उन्होंने कहा कि जब तक जनता का साथ मिलेगा, तब तक ऐसे लोगों से लड़ना बहुत आसान है। 
 
गौरतलब है कि ऑल इंडिया मुत्ताहिदा मजलिस-ए-मुसलमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख एवं लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि मुस्लिम इलाकों में स्थित एटीएम मशीनों में सरकार जान-बूझकर पैसे नहीं डलवा रही है। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने 8 नवंबर को ही कहा था कि ये लड़ाई असामान्य है। 70 साल से बेईमानी और भ्रष्टाचार के काले कारोबार में कैसी शक्तियां जुड़ी हुई हैं? उनकी ताकत कितनी है? ऐसे लोगों से मैंने जब मुकाबला करना ठान लिया है तो वे (भ्रष्टाचारी) भी सरकार को पराजित करने के लिए रोज नए तरीके अपनाते हैं।
 
मोदी ने कहा कि जब वे (भ्रष्टाचारी) नए तरीके अपनाते हैं तो हमें भी उनके काट के लिए नया तरीका अपनाना पड़ता है। 'तू डाल-डाल, तो मैं पात-पात', क्योंकि हमने तय किया है कि भ्रष्टाचारियों को, काले कारोबारों को, कालेधन को मिटाना है। उन्होंने भ्रष्टाचार और काले कारोबार से जुड़े तत्वों के खिलाफ लड़ाई को जारी रखने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि जब देश का अवाम उनके साथ है तो ऐसी ताकतों से लड़ना बहुत आसान है। 
 
उन्होंने इस अभियान में जनता के सहयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि रोज नए-नए लोग पकड़े जा रहे हैं, नोट पकड़े जा रहे हैं, छापे मारे जा रहे है, अच्छे-अच्छे लोग पकड़े जा रहे हैं। यह कैसे संभव हुआ है? मैं सीक्रेट (राज) बता दूं। सीक्रेट यह है कि जानकारियां मुझे लोगों की तरफ से मिल रही हैं।
 
उन्होंने नोटबंदी से जुड़े नियमों को बार-बार बदले जाने को लेकर उठाए गए सवाल पर कहा कि उनकी सरकार जनता-जनार्दन के लिए है। उनकी सरकार जनता से लगातार जानकारियां लेने का प्रयास करती है और उसी के अनुरूप रास्ता भी ढूंढती है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार संवेदनशील सरकार है और इस नाते वह जनता की सुख-सुविधा को ध्यान में रखते हुए नियम बदलती है ताकि लोगों की परेशानी कम हो। 
 
मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र के यूं ही जाया हो जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वे चाह रहे थे कि भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ सरकार की लड़ाई और चुनावों के लिए राजनीतिक दलों को खर्च दिए जाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर संसद में व्यापक चर्चा हो। उन्होंने कहा कि अगर सदन चला होता तो जरूर अच्छी चर्चा होती।
 
राजनीतिक दलों को 500 एवं 1,000 रुपए के पुराने नोटों को जमा कराने आदि की छूट की खबरों को मोदी ने अफवाह करार देते हुए कहा कि कानून सबके लिए समान होता है और हर किसी को कानून का पालन करना ही होगा, चाहे वह व्यक्ति हो, संगठन हो या राजनीतिक दल। जो लोग खुलकर भ्रष्टाचार और कालेधन का समर्थन नहीं कर पाते हैं, वे सरकार की कमियां ढूंढने में लगे रहते हैं।
 
प्रधानमंत्री ने बेनामी संपत्ति मालिकों पर गाज गिरने के संकेत देते हुए कहा कि देश में 1988 से बेनामी संपत्ति कानून है, लेकिन उससे संबंधित आज तक न नियमावली बनी, न ही इसे अधिसूचित किया गया, लेकिन उनकी सरकार अब एक 'धारदार' बेनामी संपत्ति कानून ला रही है।
 
उन्होंने देशहित और जनहित के लिए हर जरूरी कदम उठाने का वादा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ठंडे बस्ते में पड़े कानून को बाहर निकाला है और आने वाले दिनों में यह कानून अपना काम करेगा। देशहित और जनहित के लिए कदम उठाना सरकार की प्राथमिकता है।
 
इससे पहले मोदी ने सरकार की 2 नई योजनाओं (लकी ग्राहक योजना और डीजी धन योजना) पर बात की। उन्‍होंने कहा कि क्रिसमस के दिन लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिलने जा रहा है। उन्होंने देशवासियों से डिजिटल भुगतान के तरीके अपनाने की अपील करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में कैशलेस भुगतान में 200 से 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले दिनों विश्व के 'आर्थिक मंच' पर भारत ने अनेक क्षेत्र में अपना नाम बड़े गौरव के साथ अंकित करवाया है।
 
उन्होंने कहा कि हमारे देशवासियों के लगातार प्रयासों का परिणाम है कि अलग-अलग सूचकांकों के जरिए भारत की वैश्विक रैंकिंग में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है। विश्‍व बैंक की रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग बढ़ी है। 
 
प्रधानमंत्री ने संसद में दिव्‍यांगों के लिए पारित विधेयक का जिक्र करते हुए कहा कि दिव्यांगजनों पर जिस मिशन को ले करके उनकी सरकार चली थी, उससे जुड़ा एक विधेयक संसद में पारित हो गया है। इसके लिए उनकी सरकार लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों का आभार व्यक्त करती है।
 
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण मजदूरों और कामगारों का मेहनताना सीधे उनके बैंक खाते में जमा हो रहा है जिससे उनका शोषण रुक गया है। देश की अर्थव्यवस्था में असंगठित क्षेत्र बहुत बड़ा है और इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को अधिकतर मजदूरी का पैसा, काम का पैसा या पगार नकद में दिया जाता है। नकद भुगतान ही फिर श्रमिकों के शोषण की वजह भी बन जाती है। (वार्ता)

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