नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को दावोस रवाना हो गए, जहां वे विश्व आर्थिक मंच की शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे।
प्रधानमंत्री ने रविवार को कहा था कि वे दावोस (स्विट्जरलैंड) में अपने कार्यक्रमों के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत के भविष्य के संबंधों पर अपना नजरिया रखेंगे। वेयह भी चाहते हैं कि दुनिया के नेता मौजूदा वैश्विक प्रणालियों के समक्ष वर्तमान तथा नई उभरती चुनौतियों पर गंभीरता से ध्यान दें। मोदी दावोस में इस बार विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की शिखर बैठक के पहले पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करने वाले हैं।
मोदी ने दावोस यात्रा पर रवाना होने से 1 दिन पहले कहा था कि भारत का अन्य देशों के साथ संबंधों का हालिया वर्षों में विस्तार हुआ है। दुनिया के देशों के साथ भारत के संबंध वास्तविक रूप से बहुआयामी हुए हैं जिनमें राजनीतिक, आर्थिक, सामान्य जन के स्तर पर और सुरक्षा तथा अन्य आयाम शामिल हैं।
मोदी ने अपने ट्वीट में कहा था कि दावोस में मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत के भविष्य के संबंधों के बारे में अपनी राय रखूंगा। उन्होंने कहा था कि उन्हें वहां स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बेरसेट तथा स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ द्विपक्षीय बैठक का इंतजार है तथा मुझे यकीन है कि द्विपक्षीय मुलाकातें फलदायी होंगी और इन देशों के साथ हमारे संबंध तथा आर्थिक सहयोग मजबूत होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समकालीन अंतरराष्ट्रीय प्रणाली और वैश्विक सरकारी ढांचे के समक्ष मौजूदा तथा उभर रहीं चुनौतियों पर नेताओं, सरकारों, नीति-निर्माताओं, कॉर्पोरेट तथा सामाजिक संगठनों द्वारा गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने सम्मेलन के मुख्य मंत्र 'क्रिएटिंग अ शेयर्ड फ्यूचर इन अ फ्रैक्चर्ड वर्ल्ड' (बंटी हुए संसार के साझे भविष्य का सृजन) को विचारपूर्ण और उचित बताया था।
प्रधानमंत्री का वैश्विक सीईओ के साथ रात्रिभोज का कार्यक्रम है। मंगलवार को वे वैश्विक कारोबारी समुदाय के नेताओं के साथ संवाद करेंगे। (भाषा)