विरोध के बीच मोटर यान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश, नियमों को तोड़ा तो लगेगा भारी जुर्माना

Webdunia
सोमवार, 15 जुलाई 2019 (15:15 IST)
नई दिल्ली। मोटर यान अधिनियम के नियमों को कड़ा बनाने तथा इस संबंध में केंद्र सरकार को अधिक अधिकार देने संबंधी मोटर यान (संशोधन) अधिनियम विधेयक, 2019 विपक्ष के विरोध के बीच सोमवार को लोकसभा में पेश हो गया।
 
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने इसे सदन में पेश किया। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में हर साल 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें 5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसलिए नियमों को कड़ा बनाने की जरूरत है।
 
उन्होंने कहा कि उनकी तमाम कोशिशों के बावजूद पिछली सरकार के 5 साल के कार्यकाल में उनका मंत्रालय देश में सड़क दुर्घटनाओं में मात्र साढ़े तीन से चार प्रतिशत तक की कमी ला सका जो उनकी विफलता है।
 
उन्होंने कहा कि देश में लोग स्वयं नियमों का पालन नहीं करना चाहते। उन्हें 50 या 100 रुपए के जुर्माने से डर नहीं लगता और इसलिए जुर्माना बढ़ाने की जरूरत है। एक ही व्यक्ति के नाम पर कई लाइसेंस होते हैं। देश में 30 लाख बोगस लाइसेंस हैं।
 
इससे पहले कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वे इस विधेयक के कुछ अंशों का विरोध कर रहे हैं। इसमें केंद्र सरकार को किसी भी परमिट, योजना या लाइसेंस में बदलाव का अधिकार दिया गया है।
 
उन्होंने कहा कि इस विधेयक को पेश करने से पहले राज्यों के साथ परामर्श किया जाना चाहिए। उन्होंने वाहनों के पंजीकरण का अधिकार डीलरों को देने का भी विरोध किया।
 
तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने विधेयक को पेश किये जाने का विरोध करते हुए कहा कि विधेयक में केंद्र सरकार को राज्यों के साथ विचार-विमर्श कर नीति बनाने का अधिकार दिया गया है।
 
उन्होंने कहा कि चूंकि सड़क परिवहन संघ सूची का विषय है, इसलिए राज्यों के साथ ‘सहमति’ के बाद इस पर नीति बनाने का अधिकार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे दूरदराज के इलाकों में सस्ती परिवहन सुविधा देने का राज्यों का अधिकार छिन जाएगा।
 
गडकरी ने कहा कि यह कानून राज्यों पर थोपा नहीं जाएगा, जो राज्य स्वेच्छा से इसे अपनाना चाहेंगे वे इसे अपना सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को पिछली लोकसभा में पारित किया गया था, लेकिन राज्यसभा से पारित नहीं हो सकने के कारण नई लोकसभा में विधेयक दोबारा लाना पड़ा।
 
उन्होंने बताया कि पिछली बार जब यह विधेयक लाया गया था तो राजस्थान के तत्कालीन सड़क परिवहन मंत्री युनूस खान की अध्यक्षता में 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की समिति ने इसकी समीक्षा की थी। संसद की स्थायी समिति एवं ज्वाइंट सलेक्शन समिति के पास भी इसे भेजा गया था। इसके बावजूद यदि सदस्यों की कोई आपत्ति है तो वह उस पर विचार के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि डीलर वाहन का पंजीकरण जरूर करेंगे, लेकिन क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय को वे उसका शुल्क भी देंगे। 
 
तृणमूल की महुआ मोइत्रा ने कहा कि विधेयक में लाइसेंस की नवीनीकरण की अवधि एक महीने से बढ़ाकर एक साल करने का प्रस्ताव है। इसका मतलब यह है कि लाइसेंस एक्सपायर होने के एक साल बाद तक लोगों को सड़क पर वाहन चलाने की अनुमति दी जाएगी। 
 
विधेयक में लर्निंग लाइसेंस ऑनलाइन देने, सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति एवं उनके परिजनों को तत्काल राहत के लिए बीमा नियमों में बदलाव, ट्रांसपोर्टर लाइसेंस के नवीनीकरण की अवधि 3 साल से बढ़ाकर 5 साल करने तथा दिव्यांगों को लाइसेंस जारी करने के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय को अधिकार देने का प्रावधान भी है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Project Cheetah : प्रोजेक्ट चीता अच्छा काम कर रहा, NTCA ने जारी की रिपोर्ट

No Car Day : इंदौर 22 सितंबर को मनाएगा नो कार डे, प्रशासन ने नागरिकों से की यह अपील

LLB अंतिम वर्ष के छात्र भी दे सकेंगे AIBE की परीक्षा, Supreme Court ने BCI को दिए आदेश

फारूक अब्दुल्ला का PM मोदी पर पलटवार, कहा- वे उन लोगों के साथ खड़े जिन्हें पाक से मिलता है धन

बैठक के दौरान जब CM योगी ने पूछा, कहां हैं पूर्व सांसद लल्लू सिंह?

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra : जब धरती में समा गया पूरा ट्रक, वीडियो देख रह जाएंगे दंग

Haryana Election : AAP के प्रचार अभियान में शामिल हुए अरविंद केजरीवाल, बोले- पूरा राज्य चाहता है परिवर्तन

Gaganyaan Mission को लेकर क्‍या है चुनौती, प्रक्षेपण से पहले ISRO चीफ ने दिया यह बयान

One Nation One Election : पूर्व CEC कुरैशी ने बताईं एक देश एक चुनाव की खूबियां और खामियां

महाराष्ट्र में MVA के बीच सीटों का बंटवारा, जानिए किसको मिलीं कितनी सीटें

अगला लेख
More