Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

मध्याह्न भोजन योजना में डिब्बाबंद खाना नहीं

हमें फॉलो करें मध्याह्न भोजन योजना में डिब्बाबंद खाना नहीं
नई दिल्ली , रविवार, 30 जुलाई 2017 (11:57 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने साफ कहा है कि देश के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में छात्रों को पोषक आहार देने के लिए चल रही मध्याह्न भोजन योजना के तहत डिब्बाबंद खाना देना संभव नहीं है। 
 
अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण से संबंधित संसदीय समिति नेयह जानकारी दी है। समिति ने सरकार से स्कूलों में भोजन पकाने की पूरी व्यवस्था नहीं होने और बच्चों को स्वच्छ एवं पोषक आहार देने के लिए मध्याह्न भोजन योजना के तहत डिब्बाबंद खाना देने की संभावना तलाशने को कहा था। समिति की रिपोर्ट संसद में पिछले सप्ताह पेश की गई।
 
सरकार ने समिति को भेजे एक जवाब में कहा है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को केवल पका हुआ गर्म भोजन परोसने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। मध्याह्न भोजन योजना के तहत डिब्बाबंद खाना देने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा राष्ट्रीय भोजन सुरक्षा अधिनियम 2013 में भी यह व्यवस्था है कि मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को केवल पका हुआ गर्म भोजन परोसा जाए।
 
मध्याह्न भोजन योजना में स्कूलों में भोजन पकाने की पूरी व्यवस्था नहीं होने की समिति की चिंता पर सरकार ने कहा है कि स्कूलों में और उनके आसपास के क्षेत्रों में 9.78 लाख रसोई-सह-भंडारगृह बनाने के लिए 7,638.22 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। अभी तक 11.01 लाख स्कूलों में रसोई का सामान खरीदने के लिए वित्तीय मदद दी जा चुकी है। 
 
सरकार की ओर से समिति को बताया गया कि छत्तीसगढ़, झारखंड और मध्यप्रदेश में स्कूलों में मध्याह्न भोजन की आपूर्ति के लिए महिला स्वयंसेवी समूह को लगाया गया है। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में केंद्रीयकृत रसोई बनाई गई हैं, जहां 5 से 6 स्कूलों के बच्चों के लिए भोजन तैयार किया जाता है।
 
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 9.78 लाख रसोई-सह-भंडारगृह बनाने के लिए राशि जारी की जा चुकी है। इनमें से 6.40 लाख का निर्माण हो चुका है और 2.32 लाख का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके लिए 2.32 लाख का अभी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है। 
 
9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों को मध्याह्न भोजन योजना के दायरे में लाने की समिति की सिफारिश पर सरकार ने कहा है कि उसके पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी और लक्षद्वीप की सरकारें अपने संसाधनों से इन कक्षाओं के छात्रों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध करा रही हैं। (वार्ता) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बाढ़ से हाल बेहाल, कांग्रेस ने पीएम मोदी पर लगाया यह गंभीर आरोप