नई दिल्ली। फेसबुक के सहसंस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने मंगलवार को कहा कि भारत एक बेहद खास और महत्वपूर्ण देश है, जहां की उद्यमिता संस्कृति अपने आप में विलक्षण है। इसके साथ ही उन्होंने हाल में पेश की गई व्हाट्सऐप भुगतान सेवाओं को अधिक व्यापक रूप देने की इच्छा जताई।
फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप को पिछले महीने भारत में अपनी भुगतान सेवाओं की शुरुआत के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) से मंजूरी मिली।
व्हाट्सऐप ने 2018 में भारत में करीब 10 लाख उपयोगकर्ताओं के साथ अपनी यूपीआई आधारित भुगतान सेवाओं का परीक्षण शुरू किया था।
जुकरबर्ग ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के साथ एक चर्चा के दौरान कहा कि हमने पिछले महीने ही भारत में व्हाट्सऐप भुगतान शुरू किया है, अब आप अपने दोस्तों और परिवार को व्हाट्सऐप के जरिए पैसे भेज सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) विभिन्न ऐप से तुरंत भुगतान पाने को आसान बनाता है।
जुकरबर्ग ने देश में किफायती कनेक्टिविटी के धीरूभाई अंबानी के सपने का जिक्र करते हुए कहा कि आज भारतीय पोस्टकार्ड की लागत से भी कम में एक-दूसरे के साथ संवाद कर सकते हैं और मैसेजिंग के जरिए हमने यही करने की कोशिश की है और उम्मीद है कि हम साथ मिलकर भुगतान के लिए भी ऐसा कर सकते हैं और इसे साकार कर सकते हैं ताकि लोग भारत की नई यूपीआई प्रणाली का उपयोग कर सकें।
एनपीसीआई की मंजूरी के बाद व्हाट्सऐप ने देश में अपनी भुगतान सेवा को क्रमबद्ध तरीके से शुरू कर दिया है जिसके लिए फिलहाल यूपीआई में अधिकतम 2 करोड़ उपयोगकर्ता पंजीकृत हो सकेंगे।
भारत में व्हाट्सऐप के 40 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं और भारत को उसका सबसे बड़ा बाजार माना जाता है।
फेसबुक ने अप्रैल में जियो प्लेटफार्म्स में 5.7 अरब अमेरिकी डॉलर (43,574 करोड़ रुपए) के निवेश की घोषणा की थी।
इस मौके पर मुकेश अंबानी ने कहा कि मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि आपका यह निवेश एक मिसाल कायम करेगा, न केवल जियो के लिए बल्कि भारतीय एफडीआई के लिए भी, जो इसके इतिहास में सबसे बड़ा रहा है।
उन्होंने कहा कि जियो और फेसबुक के बीच साझेदारी वास्तव में साबित करेगी कि यह भारत, भारतीयों और छोटे भारतीय कारोबारियों के लिए बहुत अच्छी है।
उन्होंने आगे कहा कि और मार्क, मुझे लगता है कि आने वाले महीनों और वर्षों में हमारी बातों की तुलना में हमारा कामों की गूंज अधिक होगी। (भाषा)