Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

न्यायालय का मांझा पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण का प्रतिबंध हटाने से इंकार

हमें फॉलो करें न्यायालय का मांझा पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण का प्रतिबंध हटाने से इंकार
नई दिल्ली , शुक्रवार, 13 जनवरी 2017 (16:30 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पतंग उड़ाने में प्रयोग होने वाले शीशामिश्रित डोर (मांझा) के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अंतरिम आदेश पर रोक लगाने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। न्यायालय के इस निश्चय के बाद फिलहाल अधिकरण का अंतरिम प्रतिबंध लागू रहेगा।

 
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर और न्यायमूर्ति पीसी पंत की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता (गुजरात के कारोबारियों का समूह) राहत के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण जा सकता है। याचिकाकर्ताओं ने पिछले साल 14 दिसंबर को शीशामिश्रित डोर के इस्तेमाल पर लगाई गई अंतरिम रोक के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी।
 
इन कारोबारियों के वकील का कहना था कि कानूनी प्रावधानों पर विचार किए बगैर ही अधिकरण ने इस तरह का प्रतिबंध लगाने का आदेश दे दिया है। उनका कहना था कि डोर के साथ मांझा दशकों से इस्तेमाल हो रहा है और इससे मनुष्य, मवेशियों और पक्षियों को खतरा होने का मसला कभी भी नहीं उठा। पीठ ने कहा कि चूंकि यह डोर शीशामिश्रित है इसलिए यह मवेशियों और पक्षियों के लिए नुकसानदेह हो सकती है।
 
अधिकरण ने पिछले साल मांझा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि शीशा और धातु पाउडर मिश्रित डोर पर्यावरण के लिए खतरा पेश करती है। अधिकरण ने कहा था कि प्रतिबंध का यह आदेश शीशामिश्रित नायलॉन, चीनी और देसी मांझा पर लागू होगा आौर उसने मांझा एसोसिएशन को निर्देश दिया था कि पतंग की डोर के हानिकारक प्रभावों के बारे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिपोर्ट पेश करे।
 
अधिकरण ने इससे पहले पशु अधिकारों की संस्था ‘पीपुल फार एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स’(पेटा) की याचिका पर सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। 
इस संगठन ने दलील दी थी कि इस तरह के मांझे से मनुष्य और पशुओं को गंभीर खतरा हो रहा है और हर साल इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हो रही है। याचिका में यह भी कहा गया है कि यह मांझा जब करंटचालित बिजली के तारों के संपर्क में आता है तो इससे इलेक्ट्रिक ग्रिड भी फेल हो जाती है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

विशाल सिक्का ने दी चन्द्रशेखरन को बधाई