महंगी हुई रसोई गैस...

Webdunia
शुक्रवार, 1 सितम्बर 2017 (15:37 IST)
नई दिल्ली। तेल विपणन कंपनियों ने सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर में आठ रुपए और गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर में 74 रुपए की भारी बढ़ोतरी की है।
 
नई दरें शुक्रवार से लागू हो गईं। देश की अग्रणी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल के अनुसार राजधानी दिल्ली में सब्सिडी वाला सिलेंडर अब 487.18 रुपए का मिलेगा। अभी तक यह 479.77 रुपए का था।
 
सरकार ने रसोई गैस पर सब्सिडी खत्म करने के लिये पहले दो रुपए प्रति माह बढ़ाने के लिए कहा था। बाद में चालू वित्त वर्ष के अंत तक रसोई गैस पर सब्सिडी खत्म करने के लिए इसे हर महीने चार रुपए बढ़ाने का आदेश दिया था।
 
इस वर्ष 01 जुलाई को सब्सिडी वाले रसोई गैस पर पिछले छह साल में सबसे अधिक 32 रुपए सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई थी। सरकार ने 01 जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किया था और इसी के परिणामस्वरूप दाम इतने अधिक बढ़े थे।
 
नई दरों के अनुसार दिल्ली में अब गैर सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर 597.50 रुपए का मिलेगा। पहले इसकी कीमत 524 रुपए थी। सरकार एक वित्त वर्ष में सब्सिडी दरों में उपभोक्ता को 14.2 किलोग्राम वाले 12 सिलेंडर सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराती है। इससे अधिक सिलेंडर लेने पर ग्राहक को गैर सब्सिडी की कीमत अदा करनी होती है। (वार्ता) 
Show comments

जरूर पढ़ें

tirupati laddu पर छिड़ी सियासी जंग, पशु चर्बी के दावे पर तेदेपा-वाईएसआरसीपी आमने-सामने

Kolkata Doctor Case : जूनियर डॉक्‍टरों ने खत्‍म की हड़ताल, 41 दिन बाद लौटेंगे काम पर

कटरा चुनावी रैली में कांग्रेस-नेकां पर गरजे PM मोदी, बोले- खून बहाने के पाकिस्तानी एजेंडे को लागू करना चाहता है यह गठबंधन

Mangaluru : 2 सिर और 4 आंख वाला दुर्लभ बछड़ा पैदा हुआ, देखने के लिए उमड़ा हुजूम

वन नेशन वन इलेक्शन में दक्षिण भारत पर भारी पड़ेगा उत्तर भारत?

सभी देखें

नवीनतम

गृहमंत्री अमित शाह ने बताई नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन

Bengal Flood : ममता बनर्जी ने बाढ़ को बताया साजिश, PM मोदी को लिखा पत्र, दी यह चेतावनी

Tirupati Laddu Controversy : जेपी नड्डा ने CM चंद्रबाबू से मांगी रिपोर्ट, बोले- जांच के बाद होगी उचित कार्रवाई

इस बार कश्मीर के चुनाव मैदान में हैं 25 पूर्व आतंकी, अलगाववादी और जमायते इस्लामी के सदस्य

300 साल पुरानी भोग प्रथा, 2014 में मिला GI टैग, अब प्रसाद में पशु चर्बी, क्‍या है Tirupati Controversy?

अगला लेख
More