नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते राफेल मामले को लेकर एक बार फिर नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि मोदी कृपा से फ्रांस की सरकार ने अनिल अंबानी की कंपनी के अरबों रुपए का कर माफ किया।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि फ्रांस के प्रतिष्ठित अखबार 'ले मोंदे' की रिपोर्ट से मनी ट्रेल का खुलासा हो गया है और यह साबित हो गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने राफेल मामले में अनिल अंबानी के बिचौलिये का काम किया है।
फिलहाल कांग्रेस के इस आरोप पर भाजपा और अनिल अंबानी के समूह की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बहरहाल, राफेल मामले में कांग्रेस की ओर से पहले लगाए गए आरोपों को सरकार एवं अनिल अंबानी समूह ने सिरे से खारिज कर दिया था।
सूरजेवाला ने कहा कि फ्रांस के अखबार में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। क्या मनी ट्रेल सामने आ गई है? क्या मोदी अपने मित्र डबल ए (अनिल अंबानी) के बिचौलिये के रूप में काम कर रहे हैं? क्या अब चौकीदार की चोरी पकड़ी गई है?
उन्होंने कहा कि वे 23 मार्च 2015 को पेरिस जाकर वहां के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से मिलते हैं। उस वक्त ऑफसेट साझेदार एचएएल थी। बाद में मोदीजी जाते हैं और सौदे को बदल देते हैं। 21 सितंबर 2018 को फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद कहते हैं कि हमारे पास अनिल अंबानी के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
सुरजेवाला ने दावा किया कि 2017-18 में डबल ए की कंपनी में दसाल्ट ने 284 करोड़ रुपए डाल दिए। उन्होंने कहा कि नई कड़ी है कि रिलायंस अटलांटिक फ्लैग फ्रांस की स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस गलोबल कॉम बरमूडा में पंजीकृत है। फ्रांस में रिलायंस अटलांटिक फ्लैग से 15 करोड़ यूरो के कर की मांग हुई। सुरजेवाला ने कहा कि 10 अप्रैल 2015 को मोदी फ्रांस जाते हैं और 36 विमान खरीदने का सौदा करते हैं। इसके कुछ दिन बाद ही 14 करोड़ यूरो से अधिक का कर माफ कर दिया जाता है।
उन्होंने दावा किया कि यह मोदीजी की कृपा है। मोदीजी की कृपा जिस पर हो जाए, उसका कुछ भी सकता है। मोदी है, तो मुमकिन है। फ्रांस के अखबार के हवाले से आईं खबरों के मुताबिक फरवरी और अक्टूबर 2015 के बीच जब फ्रांस भारत के साथ राफेल सौदे पर बातचीत कर रहा था, उस दौरान अनिल अंबानी की कंपनी को फ्रांस में 143 करोड़ यूरो की कर छूट मिली। गौरतलब है कि अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस अप्रैल 2015 में फ्रांस के साथ हुए समझौते के तहत भारत के राफेल सौदे में एक ऑफसेट साझेदार है। (भाषा)