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भारत बंद से 'बेपटरी' हुआ जनजीवन, रेल-यातायात एवं बैंकिंग सेवाएं प्रभावित

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, सोमवार, 28 मार्च 2022 (10:34 IST)
नई दिल्ली, सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मोर्चे ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 28 और 29 मार्च को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है।

इसकी वजह से सोमवार को बैंकिंग सर्विस प्रभावित रहा। मंगलवार को भी बंद के कारण बैंक से जुड़ा कामकाज ठप्प रह सकता है। क्योंकि अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ भी भारत बंद को अपना समर्थन दे रहा है। इसके अलावा रेल सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।

खासकर पश्चिम बंगाल में वामपंथी पार्टियों से जुड़े ट्रेड यूनियनों ने रेलवे ट्रैक ब्लॉक किया। जाधवपुर रेलवे स्टेशन पर वामपंथी ट्रेड यूनियनों के सदस्यों ने ट्रैक पर धरना दिया। इसके कारण ट्रेनों का संचालन रुका रहा और यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, ममता बनर्जी सरकार ने भारत बंद का विरोध किया है और अपने सभी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से ड्यूटी पर उपस्थित रहने का आदेश दिया है।

वामपंथी पार्टियों के प्रभाव वाले राज्यों पश्चिम बंगाल और केरल के कई शहरों में ट्रैफिक जाम रहा। ट्रेड यूनियन केंद्र सरकार की कुछ नीतियों को तुरंत बदले जाने की मांग कर रहे हैं। उनकी प्रमुख मांगों में श्रम संहिता को खत्म करना, किसी भी तरह के प्राइवेटाइजेशन को तुरंत रोकना, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन यानी (एनएमपी) को खत्म करना, मनरेगा के तहत मजदूरी आवंटन के दिवसों को बढ़ाना और ठेका श्रमिकों को नियमित करना इत्यादि शामिल है।

भारत बंद के कारण 28 और 29 मार्च को आम नागरिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बंद के कारण बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहेंगी। ट्रैक पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने के कारण कई राज्यों में रेलवे सेवाएं भी प्रभावित होंगी। नागरिकों को प्रमुख शहरों में ट्रैफिक जाम की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, सरकारी दफ्तर खुलेंगे। देश की अधिकतर राज्य सरकारें ट्रेड यूनियनों के इस भारत बंद का विरोध कर रही हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की सरकार की योजना के साथ-साथ बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में बैंकिंग यूनियनें इस हड़ताल में शिरकत कर रही हैं। भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक सहित कई अन्य बैंकों ने बयान जारी कर अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि सोमवार और मंगलवार को बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहेंगी।

डाक, आयकर, तांबा और बीमा जैसे क्षेत्रों के कर्मचारी भी हड़ताल में भाग ले रहे हैं। इसलिए आज और कल इन क्षेत्रों से जुड़ी सेवाओं के प्रभावित रहने की भी प्रबल संभावना है।

रोडवेज, परिवहन और बिजली विभाग के कर्मचारी भी इस हड़ताल का हिस्सा हैं। इसलिए अगले दो दिन तक इन सेवाओं पर भी भारत बंद का प्रभाव पड़ेगा। साथ ही रेलवे और रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कुछ यूनियनें भी बंद के समर्थन में सड़कों पर उतर सकती हैं। ऐसे में रेलवे सेवा भी प्रभावित होगी। विद्युत मंत्रालय ने सभी सरकारी कंपनियों और अन्य एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है। मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर अस्पतालों, रक्षा और रेलवे जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

दो दिवसीय भारत बंद को अखिल भारतीय असंगठित कामगार और कर्मचारी कांग्रेस की तरफ से समर्थन मिला है। कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि राहुल गांधी बंद में शामिल वर्गों की मांगों के पक्ष में अपनी बात रखते रहे हैं। वहीं, भारतीय मजदूर संघ ने ऐलान किया है कि वह इस हड़ताल में शामिल नहीं होगा। बीएमएस ने इस भारत बंद को राजनीति से प्रेरित बताया है, जिसका मकसद चुनिंदा राजनीतिक दलों के एजेंडे को आगे बढ़ाना है।

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