उमेश पाल अपहरण मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद और माफिया डॉन अतीक अहम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले मंगलवार को ही कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया था। कोर्ट ने दिनेश पासी और हनीफ को भी आजीवन कारावास की सजा दी है। साथ ही तीनों पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि प्रयागराज की सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला ने वर्ष 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके वकील सौलत हनीफ और साथी दिनेश पासी समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। तीनों को आईपीसी की धारा 364-ए के तहत दोषी माना गया।
अदालत ने अतीक के भाई अशरफ समेत 7 आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सुनवाई के दौरान उनमें से एक की मौत हो गई थी।
माफिया एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को उमेश पाल के अपहरण के मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए अदालत में दोपहर करीब 12 बजे पेश किया गया था। अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और अशरफ को बरेली जेल से सोमवार को प्रयागराज की नैनी केन्द्रीय कारागार में लाया गया था।
2006 में हुआ था उमेश का अपहरण : तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल 25 जनवरी, 2005 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में चश्मदीद गवाह था। राजू पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद आरोपी है। उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी, 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था। अतीक, उसके भाई अशरफ और 4 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ 5 जुलाई, 2007 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया था।
उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात 2 पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
अतीक 2019 से साबरमती जेल में : फूलपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद अतीक अहमद को जून 2019 में गुजरात की साबरमती केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का आरोप लगने के बाद अतीक को साबरमती जेल भेजा गया था।
भारी सुरक्षा के बीच अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और अशरफ को बरेली जेल से सोमवार को प्रयागराज की नैनी केंद्रीय जेल लाया गया और मंगलवार को यहां की अदालत में पेश किया गया। दोनों भाइयों पर जेल में रहते हुए उमेश पाल की हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप है।
इस मामले में पुलिस ने अतीक अहमद के अलावा उसके भाई अशरफ, अहमद उर्फ अंसार बाबा, दिनेश पासी, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, खान सौलत हनीफ, फरहान समेत 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था।
कैसा है डॉन अतीक का अतीत
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5 बार विधायक और एक बार सांसद रहे अतीक अहमद पर खिलाफ 100 से ज़्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं।
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अतीक अहमद का पिता हाजी फिरोज भी अपराधी था। वो तांगा चलाता था। अतीक के खिलाफ 1983 में पहली एफआईआर दर्ज हुई। उस वक्त उसकी उम्र 17 या 18 साल थी।
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एनकाउंटर से बचने के लिए अतीक ने 1989 में हुए यूपी के विधानसभा चुनावों में इलाहाबाद वेस्ट सीट (अब प्रयागराज) से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर चुनाव लड़ा और वो विधायक बन गया।
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1989 के इस चुनाव में तत्कालीन पार्षद और अतीक जैसा ही अपराधी चांद बाबा भी चुनाव मैदान में था। कहा जाता है कि अतीक ने उसे अपने गुर्गों के साथ मिलकर गोलियों से भून दिया।
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इलाहाबाद सिटी वेस्ट की इसी सीट से 1991, 1993, 1996 और 2002 में भी लगातार जीत हासिल करता रहा।1996 में वह सपा के टिकट पर विधायक बना, जबकि 2002 में डॉ सोनेलाल पटेल के अपना दल से।
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2004 में फिर से सपा में उसकी वापसी हुई। मुलायम सिंह की पार्टी सपा से उसे फूलपुर से सांसद चुना गया। किसी जमाने में यह सीट पं. जवाहर लाल नेहरू की हुआ करती थी।
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25 जनवरी साल 2005 को प्रयागराज में शहर के धूमनगंज इलाके में विधायक राजू पाल की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई। इस हत्या का आरोप अतीक और अशरफ पर लगा। इस मामले में दोनों भाइयों को जेल भी जाना पड़ा।
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अतीक का छोटा भाई पूर्व सपा विधायक अशरफ इन दिनों यूपी की बरेली जेल में बंद है। 2020 में उसे गिरफ्तार किया था। अशरफ पर कई सालों तक एक लाख रुपए का इनाम घोषित था।
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अतीक के दो नाबालिग छोटे बेटों को छोड़कर अतीक के बाकी तीनों बेटों के खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। सबसे बड़ा बेटा उमर लखनऊ तो दूसरे नंबर का अली अहमद प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में कैद है।
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अतीक तीसरा बेटा असद उमेश पाल शूट आउट केस में मोस्ट वांटेड है।
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उमेश पाल शूट आउट केस के बाद जारी आंकड़ों के अनुसार अतीक गैंग पर कुल 144 कार्रवाइयां की गईं। 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
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उमेश पाल मर्डर केस में ही 22 करीबियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई। 14 लोगों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई। 68 शस्त्र लाइसेंस रद्द किए गए। दो लोगों को जिला बदर किया गया। गैंगस्टर एक्ट के तहत 415 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। 751 करोड़ रुपए की अवैध सम्पत्तियों को ध्वस्त किया गया।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala