फिर ठनेगी केजरीवाल और सक्सेना में, उपराज्यपाल ने दिए AAP से 97 करोड़ वसूलने के आदेश

Webdunia
मंगलवार, 20 दिसंबर 2022 (13:39 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्‍यमंत्री अरविन्द केजरीवाल में एक बार फिर ठनने वाली है। दरअसल, सक्सेना ने मुख्य सचिव को सरकारी विज्ञापनों की आड़ में राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित करने के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) से 97 करोड़ रुपए वसूलने का निर्देश दिया है। 
 
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी) ने 2016 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित सरकारी विज्ञापनों में सामग्री के नियमन से संबंधित समिति (सीसीआरजीए) के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए बताया कि ऐसे विज्ञापनों पर 97.14 करोड़ रुपये (97,14,69,137 रुपए) खर्च किए गए जो नियम के अनुरूप नहीं थे।
 
एक सूत्र ने कहा कि डीआईपी ने इसके लिए 42.26 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान पहले ही कर दिया है और प्रकाशित विज्ञापनों के लिए 54.87 करोड़ रुपए अभी और दिए जाने हैं। 
 
डीआईपी के आपको निर्देश : उन्होंने बताया कि निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए डीआईपी ने 2017 में ‘आप’ को निर्देश दिया था कि वह सरकारी कोष को तत्काल 42.26 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान करे और 30 दिन के भीतर संबंधित विज्ञापन एजेंसियों या प्रकाशकों को सीधे 54.87 करोड़ रुपए की लंबित राशि का भुगतान करे।
 
सूत्र ने कहा कि 5 साल व आठ महीने बाद भी ‘आप’ ने डीआईपी के आदेश का पालन नहीं किया है। यह काफी गंभीर मामला है क्योंकि यह जनता का पैसा है जिसे पार्टी ने आदेश के बावजूद सरकारी कोष में जमा नहीं कराया है। एक पंजीकृत राजनीतिक दल द्वारा एक वैध आदेश की इस तरह की अवहेलना न केवल न्यायपालिका का तिरस्कार है, बल्कि सुशासन के संदर्भ में भी उचित नहीं है।
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Delhi LG VK Saxena directs Chief Secretary to recover Rs 97 Crores from AAP for political advertisements it published as government ads. LG’s directions come in wake of Supreme Court orders of 2015, Delhi HC order of 2016 & CCRGA’s order of 2016, being violated by AAP Govt

— ANI (@ANI) December 20, 2022 >
उच्चतम न्यायालय ने सरकारी विज्ञापनों को विनियमित करने और बेकार के खर्च को रोकने के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे। इसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 2016 में सरकारी विज्ञापनों में सामग्री के नियमन से संबंधित समिति (CCRGA) का गठन किया था। इसमें तीन सदस्य थे।
 
सीसीआरजीए ने इसके बाद डीआईपी द्वारा प्रकाशित विज्ञापनों में से उच्चतम न्यायालय के ‘दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले’ विज्ञापनों की पहचान की और सितंबर 2016 में एक आदेश जारी किया था। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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