नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कुलभूषण जाधव और उनके परिवार के बीच मुलाकात का आयोजन करते हुए उसने दोनों देशों के बीच इसके बारे में बनी आपसी समझ की भावना का उल्लंघन किया। भारत ने जोर दिया कि पूरी तरह से नियंत्रित इस बातचीत के दौरान ऐसा लग रहा था कि जाधव काफी दबाव और तनाव में हैं।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान इस हद तक चला गया कि उसने मुलाकात से पहले जाधव की मां और पत्नी का मंगलसूत्र, चूड़ी और बिंदी भी निकलवा दिया जिसकी सुरक्षा के लिहाज से कोई जरूरत नहीं थी। मंत्रालय ने कहा कि जाधव की अधिकांश टिप्पणी स्पष्ट रूप से उन्हें पहले से तैयार करके दी गई थी जो पाकिस्तान में कथित जासूसी के संबंध में गलत गतिविधियों को पेश करने के मकसद से तैयार किया गया था।
मुलाकात के तौर तरीकों के बारे में अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए भारत ने कहा कि जिस प्रकार से जाधव और उनके परिवार के बीच कल मुलाकात का आयोजन किया गया, वह दोनों देशों के बीच इसके बारे में बनी समझ की भावना का उल्लंघन है। मुलाकात को मानवीय राहत के रूप में पेश करने के पाकिस्तान के प्रयास पर भारत ने अपने बयान में कहा कि इस कवायद में विश्वसनीयता की कमी है।
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि ‘इस बैठक के बारे में हमें प्राप्त जानकारी के मुताबिक ऐसा लगता है कि जाधव काफी तनाव में थे और भारी दबाव के माहौल में बोल रहे थे। बयान में कहा गया है कि हमें इस बात का भी अफसोस है कि आश्वासनों के बावजूद जहां तक परिवार के सदस्यों का सवाल है, सम्पूर्ण बैठक का माहौल भयभीत करने वाला था।
मंत्रालय ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने हालांकि स्थिति का काफी साहस और धैर्य के साथ सामना किया। उसने कहा कि 47 वर्षीय जाधव को देखने से उनके स्वास्थ्य और कुशलक्षेम के संबंध में आशंकाएं उत्पन्न हो रही थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक से पहले दोनों देश राजनयिक माध्यमों के जरिए संपर्क में थे ताकि मुलाकात की रूपरेखा और प्रारूप तैयार किया जा सके।
इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच स्पष्ट रूप से सहमति थी और भारतीय पक्ष ने निष्ठापूर्वक अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया। विदेश मंत्रालय ने हालांकि कहा कि हमें इस बात का अफसोस है कि पाकिस्तानी पक्ष ने इस मुलाकात का आयोजन जिस प्रकार से कराया, वह स्पष्ट रूप से हमारी आपसी समझ की भावना का उल्लंघन है।
मंत्रालय ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तानी प्रेस को कई अवसरों पर परिवार के सदस्यों के संपर्क में आने और जाधव के बारे में गलत एवं दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाने की अनुमति दी गई। यह इस सहमति के बावजूद किया गया जिसमें यह तय हुआ था कि मीडिया को सम्पर्क की अनुमति नहीं दी जाएगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा एहतियात की आड़ में जाधव के परिवार के सदस्यों की सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनाओं का ध्यान नहीं रखा गया और उनकी मां एवं पत्नी का मंगलसूत्र, बिंदी, चूड़ी निकलवा दी गई और परिधान बदलने कहा गया। इसकी सुरक्षा के लिहाज से कोई जरूरत नहीं थी।
मंत्रालय ने कहा कि जाधव की मां को उनकी बोलचाल की भाषा में बात करने से रोका गया जबकि यह संवाद का नैसर्गिक माध्यम था। उन्हें ऐसा करने से बार बार टोका गया। इसमें कहा गया है कि जिस प्रकार से मुलाकात का आयोजन किया गया और उसके बाद की घटनाएं, स्पष्ट तौर पर जाधव से जुड़ी कथित गतिविधियों की गलत तस्वीर पेश करने का प्रयास है।
बयान में कहा गया कि अज्ञात कारणों से बार-बार आग्रह किए जाने के बावजूद जाधव की पत्नी के जूते मुलाकात के बाद उन्हें नहीं लौटाए गए। हम इस दुर्भावनापूर्ण इरादे के बारे में सचेत करते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि उप उच्चायुक्त को प्रारंभ में परिवार से अलग कर दिया गया और उन्हें सूचित किए बिना परिवार के सदस्यों को मुलाकात के लिए ले जाया गया।
बैठक उप उच्चायुक्त की अनुपस्थिति में हुई। इस बारे में संबंधित अधिकारियों के समक्ष काफी जोर दिए जाने पर बाद में उन्हें वहां ले जाया गया, लेकिन बैठक तक पहुंच की अनुमति नहीं दी गई, जबकि इस बारे में सहमति बनी थी। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी जेल में कथित रूप से जासूसी के मामले में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के साथ इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय में उनकी पत्नी और मां ने कल मुलाकात की थी, लेकिन उनके बीच कांच की एक दीवार थी।
पिछले साल मार्च में गिरफ्तारी के बाद से जाधव की उनसे यह पहली मुलाकात थी। करीब 40 मिनट की यह मुलाकात भारी सुरक्षा वाले विदेश मंत्रालय की इमारत में हुई थी। हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने मई में पाकिस्तान से जाधव को सुनाई गई मौत की सजा पर रोक लगाने के लिए कहा था। (भाषा)