नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रविवार को कहा कि उनके देश ने भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी है और वह इस स्थिति को बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध है।
ओली ने कहा कि 'सभी के साथ मित्रता और किसी के साथ दुश्मनी नहीं रखना' नेपाल की विदेश नीति का सिद्धांत है। दोनों पड़ोसी देशों के बीच विश्वास महत्वपूर्ण कारक है। समानता, न्याय, परस्पर सम्मान और लाभ तथा गैरहस्तक्षेप जैसे सिद्धांतों से मजबूती प्राप्त होती है।
ओली ने कहा कि मित्र पड़ोसियों के रूप में दोनों देशों को जागरूक होने और एक-दूसरे की चिंताओं तथा संवेदनशीलताओं का ध्यान रखने की आवश्यकता है। नेपाल ने भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ अपनी जमीन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी है। नेपाल 2 बड़े पड़ोसी देशों भारत और चीन के बीच है और वह अपने दोनों पड़ोसी देशों से मित्रता चाहता है।
इससे पूर्व ओली ने राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत के बाद पत्रकारों से कहा कि भारत और नेपाल के बीच की 'ऐतिहासिक मित्रता' भविष्य की ओर उन्मुख है तथा द्विपक्षीय संबंध समय की जरूरतों के अनुसार विकसित हुए हैं। वे हमारे दोनों देशों और लोगों के बीच मित्रता में सहयोग करने के लिए परिवर्तित संदर्भ में भारत की यात्रा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अपने पड़ोसियों- विशेष रूप से भारत के साथ हमें पहली उम्मीद दोस्ती की है। समय बदल रहा है और हमने गरीबी को समाप्त करने तथा अपने लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के उद्देश्य से समय की जरूरतों और अपने लोगों की इच्छाओं के अनुसार अपनी मित्रता विकसित की है। हमारी मित्रता ऐतिहासिक, विकसित और बहुत सार्थक है। यह भविष्य की ओर उन्मुख है और हम आगे की ओर देख रहे है न कि पीछे की ओर।
इस वर्ष फरवरी में दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद ओली की यह पहली भारत यात्रा है। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के दौरान फरवरी 2016 में भारत की यात्रा की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद एक बयान में ओली ने कहा कि उनकी सरकार भारत के साथ 'विश्वास आधारित' संबंधों की एक मजबूत इमारत का निर्माण करना चाहती है। (भाषा)