नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (supreme court) आज कर्नाटक हाईकोर्ट के 15 मार्च के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जिसमें उसने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिजाब पहनना इस्लाम में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है। इन याचिकाओं को दायर किए जाने के 5 महीने बाद और भारत के नए मुख्य न्यायाधीश सीजेआई (CJI) उदय उमेश ललित के पहले कार्यदिवस पर पहली सुनवाई के लिए इस मामले को सूचीबद्ध किया गया है।
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ उन याचिकाओं पर विचार करेगी, जिन पर मार्च से प्रारंभिक सुनवाई तक नहीं हो पाई है। आज सीजेआई के तौर पर न्यायमूर्ति ललित का पहला दिन होगा।
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत याचिका, सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की एक याचिका और कुछ महत्वपूर्ण जनहित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति ललित ने शनिवार को भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली, लेकिन शनिवार और रविवार को न्यायालय में कामकाज नहीं होता है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार, अदालत कक्ष संख्या एक में सोमवार को सीजेआई ललित की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट पीठ शामिल होंगे।
केरल के पत्रकार कप्पन को अक्टूबर 2020 में उत्तरप्रदेश के हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया गया था, जहां कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार के बाद एक दलित युवती की मौत हो गई थी। कप्पन ने इस मामले में जमानत के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने इस महीने की शुरुआत में कप्पन की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति ललित और न्यायमूर्ति भट की पीठ एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले के एक आरोपी एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता नवलखा द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई करेगी।
पीठ कक्षा के भीतर हिजाब पहने से संबंधित मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी सुनवाई करने वाली है।