Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

खास खबर : पिता माधवराव सिंधिया के जन्मदिन पर अलग पार्टी बनाएंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया?

हमें फॉलो करें खास खबर  : पिता माधवराव सिंधिया के जन्मदिन पर अलग पार्टी बनाएंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया?
webdunia

विकास सिंह

, मंगलवार, 10 मार्च 2020 (00:54 IST)
मध्य प्रदेश कांग्रेस के 2 बड़े नेता मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया अब पूरी तरह आमने-सामने आ गए हैं। राज्यसभा और प्रदेश अध्यक्ष को लेकर जारी खींचतान अब इस मोड़ पर आ गई है कि दोनों की राह जुदा होते हुए दिखाई दे रही है।

इस बीच जारी सियासी घमासान के बीच अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलग पार्टी बनाने की अटकलें भी तेज हो गई हैं। सोमवार को तेजी से हुए सियासी उटलफेर के बीच सिंधिया के भाजपा के साथ संपर्क में होने की खबरें भी सामने आ रही हैं। सिंधिया के भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात करने की खबरें भी खूब सुर्खियों में हैं।

इस बीच मध्य प्रदेश की राजनीति के जानकार और सिंधिया खेमे से जुड़े करीबी सूत्र बताते हैं कि अब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता की राह पर आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। सूत्र ये भी बताते हैं कि आज ज्योतिरादित्य सिंधिया पिता माधवराव सिंधिया की जन्मतिथि पर ग्वालियर पहुंचकर नई पार्टी बनाने की घोषणा भी कर सकते हैं। इस बीच सिंधिया समर्थक और विधायक बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस का वनवास खत्म करने और विधानसभा चुनाव में युवा वोटरों को कांग्रेस की तरफ मोड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले सिंधिया कांग्रेस सरकार बनने के बाद पूरी तरह हाशिए पर दिखाई दे रहे हैं। लोकसभा चुनाव में अपनी पारंपरिक सीट पर हार का सामने करने वाले सिंधिया पिछले कई दिनों से अपनी ही पार्टी में बेगाने से दिखाई देने लगे हैं। मध्य प्रदेश में सिंधिया समर्थक अपने महाराज को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन दबाव की यह राजनीति चुनाव होने के सवा साल बाद भी कामयाब नहीं होती दिखती और मुख्यमंत्री कमलनाथ सत्ता और संगठन दोनों पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं।

ऐसे में नए सियासी घटनाक्रम के बाद अब यह चर्चा जोरशोर से चल रही है कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपने पिता की तरह अपनी नई पार्टी बनाएंगे। अगर कांग्रेस और सिंधिया परिवार के रिश्ते के इतिहास को देखें तो यह काफी उतार–चढ़ाव भरा रहा है।

1993 में जब मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी तब माधवराव सिंधिया ने पार्टी में उपेक्षित होकर कांग्रेस को अलविदा कहकर अपनी अलग पार्टी मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस बनाई थी, हालांकि बाद में वे कांग्रेस में वापस लौट गए थे। वहीं इससे पहले 1967 में जब मध्य प्रदेश में डीपी मिश्रा सरकार थी तब कांग्रेस में उपेक्षित होकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया कांग्रेस छोड़कर जनसंघ से जुड़ गई थीं और जनसंघ के टिकट पर गुना लोकसभा सीट से चुनाव भी जीती थीं। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सियासी संकट के बीच दिग्विजय की दो टूक, जो सही कांग्रेसी हैं वह कांग्रेस में रहेगा