नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज कहा कि मध्यप्रदेश न केवल दलितों की दुर्दशा, बल्कि आदिवासी बच्चों के कुपोषण, महिलाओं पर अत्याचार और किसानों के दमन के मामले में देश का अव्वल राज्य है।
सिंधिया ने सवालों पर पलटकर पूछा, मध्यप्रदेश में आखिर कौन है जो मानता है कि अच्छे दिन हैं और वह इससे खुश है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश न केवल पांच साल से कम आयु के आदिवासी बच्चों की मृत्युदर के मामले में बल्कि बच्चों के कुपोषण, महिलाओं और दलितों पर अत्याचार तथा किसानों के दमन के मामले में भी देश का नंबर एक राज्य बन गया है। राज्य के 13 लाख बच्चे कुपोषित हैं।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के 50 दलितों ने भोपाल में मुख्यमंत्री से इच्छामृत्यु देने की गुहार लगाई है। मुरैना में दलितों को श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं मिलने पर घर के सामने ही अंतिम संस्कार करने की घटना हुई है। सीहोर में दलितों को कुएं से पानी लेने की इजाज़त नहीं है। पुलिस द्वारा छह किसानों की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है और फिर उनके परिजनों को जबरन भोपाल बुलाकर मुख्यमंत्री का अनशन तुड़वाया जाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में साढ़े तीन सौ मुकदमों में साढ़े तीन हज़ार किसानों को आरोपी बनाया गया है। मध्यप्रदेश में बेरोज़गारी सबसे अधिक है। आखिर कौन है जो मानता है कि राज्य में अच्छे दिन हैं। एक सवाल के जवाब में सिंधिया ने कहा कि उन्होंने महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को मध्यप्रदेश की हालत के बारे में कई बार पत्र लिखे हैं, लेकिन कभी भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला। (वार्ता)