JNU: आजादी की अभिव्‍यक्‍ति से लेकर रामनवमी और मेस में नॉनवेज तक, विवादों का विश्‍वविद्यालय जेएनयू, फिर भी देश को दिए टॉप लीडर्स

नवीन रांगियाल
JNU को आमतौर पर वामपंथ (Left Politics) का गढ़ माना जाता है, पिछले दिनों जहां फीस को लेकर, बोलने की आजादी को लेकर और विचारधारा की लड़ाई को लेकर JNU खबरों में रहा है। वहीं अब यहां रामनवमी मनाने और नॉनवेज परोसने को लेकर विवाद है।

यहां हिंसा की घटनाएं अब आम हो गइ हैं। हाल ही में यहां के होस्‍टल में दो गुटों के बीच एक बार फिर से हिंसा हुई। एक गुट रामनवमी की पूजा कर रहा था तो दूसरा गुट मेस में नॉनवेज खाने का पक्षधर था।  इसी बात को लेकर विवाद हुआ। यानी JNU एक बार फिर से विवादों की वजह से चर्चा में है, लेकिन जानना दिलचस्‍प होगा कि तमाम विवादों और बहस के अलावा यहां लेफ्ट के अलावा निर्दलीय, फ्री थिंकर, समाजवादी और दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े लोग भी छात्रसंघ (Student Union) में चुने गए हैं। इसके साथ ही कई देशी और विदेशी हस्‍तियां यहां से पढ़ाई कर निकली।

आइए जानते हैं कौन कौन हैं वे हस्‍तियां जो JNU से निकलीं हैं। यहां के विवाद और क्‍यों देश की राजधानी में JNU है बहुत खास।

हाल में क्‍या विवाद उठा जेएनयू में?
दरअसल, यहां के छात्रों का कहना है कि जेएनयू में हिन्‍दू फोबिक कल्‍चर है। यहां महिषासुर जयंती धूमधाम से मनती है, लेकिन जब रामनवमी के लिए छात्र कावेरी जाते हैं और भजन संध्या का आयोजन करते हैं लेफ्ट विंग पार्टी बहुत नियोजित तरीके से उसमें विध्वंस डालने का प्रयास करती है। आजादी की अभिव्‍यक्‍ति के नाम पर यहां वे सब किया जाता है जो हिन्‍दू संस्‍कृति के खिलाफ है या उसकी आस्‍था को ठेस पहुंचाने वाला है। हाल ही में एक तरफ रामनवमी का आयोजन तो दूसरी तरफ नॉनवेज खाने पर ही यहां विवाद हुआ।

यहां से कौन क्‍या बना
  1. निर्मला सीतारमण- विदेशमंत्री, एमए इकोनॉमिक्‍स
  2. एस जयशंकर- विदेशमंत्री, पीएचडी इंटरनेशनल रिलेशन
  3. मेनका गांधी- सांसद और पूर्व मंत्री, जर्मन भाषा
  4. अली जैदान- लिबिया के पूर्व प्रधानमंत्री
  5. अब्‍दूल सैतार मुराद- मिनिस्‍टर ऑफ इकोनॉमी, अफगानिस्‍तान
  6. बाबूराम भट्टाराई- नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री
  7. योगेंद्र यादव- चुनाव विशेषज्ञ, एमए
  8. सीताराम येचुरी- सीपीआई एम नेता, एमए इकोनॉमिक्‍स
  9. अहमद बिन सैफ अल नहयान- चेयरमेन, एतिहाद एयरवेज
  10. अभिजीत बनर्जी- नोबल पुरस्‍कार सम्‍मान
  11. आलोक जोशी- पूर्व रॉ चीफ

JNU से पढ़े विपक्षी नेता
इनके अलावा राज्यसभा सांसद रहे एनसीपी के महासचिव डीपी त्रिपाठी जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष रहे हैं वामपंथी नेता सीताराम येचुरी यहां से इकोनॉमिक्स में एमए किया है। प्रकाश करात यहां से पढ़ चुके हैं। बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने भी यहीं पढ़ाई की। दलित नेता उदित राज और अशोक तंवर भी यहां पढ़ चुके हैं। स्वराज इंडिया के प्रमुख और चुनाव विशेषज्ञ योगेंद्र यादव भी यहां पढ़ चुके हैं।

ये हस्‍तियां भी निकली JNU से
डीपी त्रिपाठी महासचिव एनसीपी, अरविदं गुप्‍ता, डायरेक्‍टर विवेकानंद फाउंडेशन, दीपक रावत आईएएस, मनू महाराज आईपीएस, संजुक्‍ता पाराशर आईपीएस, सुभाषिनी शंकर आईपीएस, अमिताभ कांत सीईओ नीति आयोग, सैयद आसिफ इब्राहिम पूर्व आईबी चीफ, वेणु राजमणी नीदरलैंड के राजदूत, सुधींद्र भदौरिया बसपा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता, उदित राज दलित नेता और पूर्व सांसद ने भी जेएनयू से पढ़ाई की है।

क्‍यों है JNU खास? विवाद जो JNU में हुए
  1. जेएनयू की स्‍थापना का उदेश्‍य कई विषयों पर अध्ययन और रिसर्च को लेकर हुआ था, इसके लिए यह जाना भी जाता है, लेकिन अपने विवादों के लिए भी जेएनयू लगातार चर्चा में है।
  2. जब देशभर में दूर्गा पूजा मनाई जाती है तो ठीक इसी दौरान जेएनयू में महिषासूर दिवस मनाया जाता है, इसे लेकर भी समय-समय पर जेएनयू विवाद और बहस के केंद्र में रहा है।
  3. साल 2010 में जब दंतेवाडा में नक्‍सली हमले में देश के 75 जवान शहीद हो गए तो जेएनयू में विजय दिवस मनाया गया था। इस घटना के बाद भी देश में खूब बवाल मचा। 
  4. साल 2012 में जेएनयू में बीफ फेस्‍टिवल मनाया गया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस फेस्‍टिवल पर प्रतिबंध लगा दिया था।   
  5. 9 फरवरी 2016 को जेएनयू के छात्रों ने 2001 में भारतीय संसद पर हमले के दोषी अफज़ल गुरु की फांसी की तीसरी बरसी पर कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम का नाम कश्मीरी कवि आगा शाहिद अली के काव्य संग्रह ‘बिना डाक-घर वाला देश’ (जो जम्मू कश्मीर के एक हिंसक समय के बारे में है) पर रखा गया था। जिसके बाद देशभर में काफी हंगामा हुआ था।
  6. एक अन्‍य कार्यक्रम के दौरान कुछ छात्रों ने, भारत की बर्बादी तक, जंग लड़ेंगे, जंग लड़ेगे/ 'कितने अफजल मारोगे, हर घर से अफजल निकलेगा' / 'पाकिस्तान जिंदाबाद' आदि भारत विरोधी नारे लगाए थे।
  7. 12 फरवरी 2016 को छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उस पर देशद्रोह का आरोप लगाए गए थे।
  8. हाल ही में यहां फीस बढ़ोतरी को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया था, जिसके बाद देशभर में विवाद और हंगामे हुए। रविवार की रात को एक बार फिर से जेएनयू में छात्र संगठनों के बीच मारपीट को लेकर खबर आई।
Show comments

जरूर पढ़ें

UP : संभल में कैसे भड़की हिंसा, 3 लोगों की मौत का कौन जिम्मेदार, औवेसी का भी आया बयान, क्या बोले पुलिस अधिकारी

दैत्यों के साथ जो होता है, वही हुआ, महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर बोलीं कंगना रनौत

मराठवाड़ा में महायुति की 46 में से 40 सीटें, क्या फेल हो गया मनोज जरांगे फैक्टर

संभल मामले में अखिलेश यादव का बड़ा बयान, हिंसा के लिए इन्‍हें ठहराया जिम्मेदार

बावनकुले ने बताया, कौन होगा महाराष्‍ट्र का अगला मुख्‍यमंत्री?

सभी देखें

नवीनतम

महाराष्ट्र में कौन बनेगा मुख्यमंत्री, सस्पेंस बरकरार, क्या BJP फिर लेगी कोई चौंकाने वाला फैसला

संभल हिंसा पर कांग्रेस का बयान, बताया BJP-RSS और योगी आदित्यनाथ की साजिश

Delhi Pollution : दिल्ली में प्रदूषण घटा, 412 से 318 पर पहुंचा AQI

UP : संभल में कैसे भड़की हिंसा, 3 लोगों की मौत का कौन जिम्मेदार, औवेसी का भी आया बयान, क्या बोले पुलिस अधिकारी

Maharashtra Assembly Election Results 2024 : महाराष्ट्र में हार शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी, EVM को लेकर दिया बयान

अगला लेख
More