जम्मू। जम्मू संभाग के किश्तवाड़ में जिला अस्पताल में मंगलवार को आतंकियों ने आरएसएस नेता चंद्रकांत शर्मा और उनके पीएसओ की गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि एक अन्य नागरिक भी उस समय मारा गया जब वे अस्पताल में रूटीन चेकिंग के लिए आए थे। चंद्रकांत बुरी तरह से घायल हो गए थे, जिन्हें जम्मू लाया गया था और उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
आतंकी हमले के बाद किश्तवाड़, डोडा और भद्रवाह में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सेना को बुलाया गया है जिसने फ्लैग मार्च किया है। आतंकी पीएसओ की बंदूक लेकर भी भाग गए। किश्तवाड़ में जिला अस्पताल में कार्यरत चिकित्सा सहायक चंद्रकांत आरएसएस से भी जुड़े हुए थे।
बताया जा रहा है कि हमलावर ने बुर्का पहना हुआ था। अटैक के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं, जिसके मद्देनजर कर्फ्यू लगा दिया गया है। किश्तवाड़ के अलावा डोडा और भद्रवाह में कर्फ्यू लगा दिया है। ये इलाके सांप्रदायिक तौर पर काफी संवेदनशील माने जाते हैं। ऐसे में एक हिंदू नेता पर अस्पताल के अंदर आतंकी हमले ने माहौल तनावपूर्ण बना दिया है।
यह हमला अस्पताल के अंदर ओपीडी में किया गया है। यहां चंद्रकांत अपने बॉडीगार्ड के साथ मौजूद थे। इसी दौरान बुर्का पहने हुए एक व्यक्ति ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके साथ ही हमलावर बॉडीगार्ड का हथियार भी छीनकर फरार हो गया। जैसे ही अस्पताल के अंदर यह हमला किया गया, उससे वहां अफरा-तफरी मच गई।
इसी माहौल के बीच हमलावर मौके से फरार होने में भी कामयाब हो गया। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बुर्का पहने हमलावर कोई पुरुष था या महिला। फिलहाल, पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है। बताया जा रहा है कि अस्पताल के बाहर पाकिस्तान विरोधी नारेबाजी भी की गई है।
आरएसएस कार्यकर्ता मेडिकल असिस्टेंट चंद्रकांत सिंह परिहार बंधुओं के भी काफी करीबी थे। आरएसएस और भाजपा से जुड़े होने के कारण उन्हें 1996 में भी मारने की धमकी दी गई थी, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने उनकी सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए उनके साथ दो पीएसओ तैनात कर रखे थे। परिहार बंधुओं की हत्या के बाद चंद्रकांत की सुरक्षा को और पुख्ता करते हुए उनके साथ दो अतिरिक्त पीएसओ की तैनाती कर दी गई।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष नवंबर में किश्तवाड़ में आतंकियों ने परिहार बंधुओं की भी गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि आरएसएस लीडर चंद्रकांत के परिहार बंधुओं के साथ अच्छे संबंध थे।