ISRO के एस्ट्रोसैट ने 8 साल में 600 से अधिक गामा किरण विस्फोटों का लगाया पता

Webdunia
मंगलवार, 28 नवंबर 2023 (18:24 IST)
Astrosat space telescope: भारत की एस्ट्रोसैट अंतरिक्ष दूरबीन (Astrosat space telescope) ने 600 से अधिक गामा किरण विस्फोटों (GRBs) का पता लगाकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है जिनमें से प्रत्येक विस्फोट किसी विशाल तारे (giant star) की मृत्यु या न्यूट्रॉन तारों के विलय का प्रतीक है।
 
सीजेडटीआई के प्रमुख अन्वेषक दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि 600वें जीआरबी का पता लगाना प्रक्षेपण के 8 साल बाद और निर्धारित जीवनकाल के बाद भी 'कैडमियम जिंक टेलुराइड इमेजर' (सीजेडटीआई) के निरंतर जारी असीमित प्रदर्शन का एक बड़ा उदाहरण है।
 
एस्ट्रोसैट के माध्यम से जीआरबी अध्ययन का नेतृत्व करने वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई के पीएचडी छात्र गौरव वरातकर ने कहा कि लघु महाविस्फोट (मिनी बिग-बैंग्स) कहे जाने वाले जीआरबी ब्रह्मांड में सबसे ऊर्जावान विस्फोट हैं, जो सूर्य द्वारा अपने पूरे जीवनकाल में उत्सर्जित की जाने वाली ऊर्जा से अधिक ऊर्जा मात्र कुछ सेकंड में उत्सर्जित करते हैं। जीआरबी 1 सेकंड के 1 अंश से लेकर कई मिनट तक रहता है।
 
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 2015 में प्रक्षेपित एस्ट्रोसैट की कार्य अवधि 5 साल के लिए निर्धारित थी लेकिन यह अवलोकन कार्य में खगोलविदों के लिए अब भी अच्छी स्थिति में बना हुआ है। यह उपग्रह भारत की पहली समर्पित बहु-तरंगदैर्ध्य अंतरिक्ष वेधशाला है, जो पराबैंगनी किरणों से लेकर एक्स-रे तक विभिन्न तरंगदैर्ध्य में अंतरिक्ष संबंधी वस्तुओं का एक साथ अवलोकन करने के लिए उपकरणों से लैस है।
 
आईआईटी-मुंबई के एसोसिएट प्रोफेसर वरुण भालेराव ने कहा कि एस्ट्रोसैट ने जो हासिल किया है, उस पर हमें गर्व है। इस सफलता को आगे बढ़ाने के लिए कई संस्थान एकसाथ आए हैं और अगली पीढ़ी की जीआरबी अंतरिक्ष दूरबीन 'दक्ष' के निर्माण का प्रस्ताव रखा है, जो दुनियाभर में ऐसे किसी भी उपग्रह से कहीं बेहतर होगी। 'दक्ष' दूरबीन इतनी संवेदनशील होगी कि सीजेडटीआई ने जो काम 8 साल में किया है, वह 1 साल में ही इतना काम कर लेगी।
 
एस्ट्रोसैट के सीजेडटीआई डिटेक्टर द्वारा 600वें जीआरबी का पता 22 नवंबर को लगाया गया था। इस बारे में दुनिया भर के खगोलविदों को सूचित किया गया था, जो इस तरह की घटना पर अपने शोध में इसका उपयोग कर सकते हैं और इससे इन उच्च ऊर्जा से जुड़ी चरम स्थितियों का पता लगाने के लिए खगोलविदों को महत्वपूर्ण डेटा मिल सकता है।
 
वरातकर ने कहा कि डेटा को देखना आश्चर्यजनक है और अरबों साल पहले हुए इन विस्फोटों को सबसे पहले देखने का का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि 600वें जीआरबी के बाद से सीजेडटीआई ने 3 और ऐसी घटनाओं का पता लगाया है जिनमें नवीनतम घटना सोमवार की है। इन जीआरबी का पता लगाने और एस्ट्रोसैट पर मौजूद विभिन्न उपकरणों से मिले विज्ञान संबंधी परिणाम 400 से अधिक शोध लेखों में प्रकाशित किए गए हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Related News

Show comments

जरूर पढ़ें

Exit Poll : वोटिंग खत्म होने के बाद RSS मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, मोहन भागवत से की मुलाकात

Exit Poll 2024 : झारखंड में खिलेगा कमल या फिर एक बार सोरेन सरकार

महाराष्ट्र में महायुति या एमवीए? Exit Poll के बाद बढ़ा असमंजस

महाराष्‍ट्र बिटकॉइन मामले में एक्शन में ईडी, गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी

BJP महासचिव विनोद तावड़े से पहले नोट फॉर वोट कांड में फंसे राजनेता

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: अडाणी को बड़ा झटका, केन्या ने रद्द किया 700 मिलियन डॉलर का करार

Manipur Violence : मणिपुर के हालात को लेकर कांग्रेस ने किया यह दावा

Adani Group की कंपनियों को भारी नुकसान, Market Cap में आई 2.19 लाख करोड़ की गिरावट

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

अगला लेख
More