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शादी में जा रहे भोपाल के परिवार की यात्रा बनी भयावह सपना

हमें फॉलो करें शादी में जा रहे भोपाल के परिवार की यात्रा बनी भयावह सपना
, रविवार, 20 नवंबर 2016 (19:33 IST)
पुखरायां (उत्तर प्रदेश)। कानपुर देहात के पुखरायां में दुर्घटनाग्रस्त हुई इंदौर-पटना एक्सप्रेस के सबसे बुरी तरह प्रभावित एस-1 डिब्बे में मौजूद उद्योगपति अरुण शर्मा को हादसे के 10 घंटे बाद बचा लिया गया, लेकिन परिवार के लिए पटना तक की यह यात्रा काफी भयावह रही। अभी तक शर्मा के छोटे बेटे की कोई खोज-खबर नहीं मिली है। पत्नी, दो बेटों गिज्ञांश (11) और त्रियांश (9) के साथ यात्रा कर रहे शर्मा को अभी तक कोई जानकारी नहीं है कि उनका छोटा बेटा कहां है।
अपने दोस्त की 21 नवंबर को होने वाली शादी के लिए पटना जा रहा शर्मा परिवार भी हादसे के वक्त बाकी यात्रियों की तरह गहरी नींद में था। हादसे का आलम यह है कि ट्रेन के दो डिब्बे एस-1 और एस-2 एक-दूसरे में घुस गए हैं। हादसे में शयनयान श्रेणी के अन्य दो डिब्बे एस-3 और एस-4 भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। हादसे में मारे गए 100 से ज्यादा लोगों में सबसे ज्यादा लोग इन्हीं दोनों डिब्बों के हैं।
 
दुर्घटनास्थल से करीब 35 किलोमीटर दूर मति सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे शर्मा के हाथों की हड्डियां कई जगह से टूट गई हैं। उनका कहना है, हम सभी एस-1 डिब्बे में सो रहे थे। तभी देर रात करीब तीन बजे तेज झटका लगा और हम नीचे गिर गए। उन्होंने कहा, ‘सेना के लोगों ने मुझे उस मुड़े-तुड़े डिब्बे से दोपहर एक बजे निकाला, हादसे के करीब 10 घंटे बाद।
 
शर्मा की पत्नी नूपुर के भी हाथों की हड्डियां टूटी हैं और उनका भी उसी अस्पताल में इलाज चल रहा है। हालांकि पूरा परिवार अपने बेटे त्रियांश को लेकर बहुत चिंतित है। उसका अभी तक कोई पता नहीं चला है। अस्पताल की वरिष्ठ डॉक्टर अर्चना ने कहा, हम उनके बेटे को अन्य अस्पतालों में भी खोज रहे हैं, जहां घायलों को भर्ती कराया गया है।
 
उन्होंने दावा किया कि दुर्घटना के करीब एक घंटे बाद बचावकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे क्योंकि ग्रामीण इलाके में सड़कों की स्थिति अच्छी नहीं थी। एक अन्य यात्री दीपिका त्रिपाठी ने कहा, हम अपने परिवार के पांच सदस्यों का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा, हमारा 45 लोगों का समूह था। (भाषा) 

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