नई दिल्ली। शीतल पेय और खाद्य क्षेत्र की अग्रणी कंपनी पेप्सीको की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) इंदिरा नूई अक्टूबर से पद छोड़ देंगी। उनके स्थान पर स्पेन के रैमान लगुआर्ता यह जिम्मेदारी संभालेंगे। 12 साल से पेप्सीको की सीईओ रहीं इंद्रा नूई ने आज अचानक खुद एक बयान जारी करके अपने इस्तीफे का ऐलान किया। नुई भले ही सीईओ पद छोड़ रहीं हैं लेकिन वे 2019 तक कंपनी की चेयरपर्सन पद पर बनीं रहेंगी। वे कंपनी की पहली महिला सीईओ बनीं थी।
रैमान पिछले साल पेप्सीको के अध्यक्ष बने थे : नूई कार्यकाल में पेप्सीको में कई बड़े बदलाव किए गए। 62 वर्षीय सुश्री नूई ने कहा है कि इस वर्ष 3 अक्टूबर को वह कंपनी के सीईओ पद का छोड़ देंगी। नूई का स्थान लेने वाले रैमान लगुआर्ता को कंपनी ने पिछले साल ही अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी थी।
नूई को अपने कार्यकाल पर गर्व है : बयान में सीईओ ने पेप्सीको की अगुवाई को अपने जीवन का सबसे बड़ा सम्मान बताते हुए कहा कि 12 साल तक कंपनी, शेयरधारकों और सभी संबंधित पक्षों के हितों के लिए काम करने पर उन्हें गर्व है। भारतीय मूल की नूई ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी विश्व की इतनी बड़ी कंपनी की सीईओ बनूंगी।
चेन्नई में हुआ जन्म, दादा जज रहे : नूई का जन्म 18 अक्टूबर 1955 को मद्रास (अब चेन्नई) में हुआ। नूई के पिता स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद में काम करते थे जबकि उनके दादा जिला जज थे। इंदिरा ने आईआईएम-कलकत्ता से मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की थी। 2001 में इंदिरा ने पेप्सिको कंपनी बतौर सीएफओ काम करना शुरु किया था। इंदिरा नूई के ही टॉप मैनेजमेंट का नतीजा है कि उन्होंने शीतल पेय पेप्सीको का बिजनेस 2.7 बिलियन डॉलर से 6.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचा दिया था।