नई दिल्ली/ प्रयागराज। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज की। सीबीआई की टीम ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
इससे पहले दिन में केंद्र सरकार ने महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की सीबीआई जांच को मंजूरी दी। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले की जांच सीबीआई की दिल्ली इकाई कर रही है, जिसका जिम्मा सीबीआई के एएसपी केएस नेगी को सौंपा गया है।
जार्ज टाउन थाने के एक अधिकारी के मुताबिक, सीबीआई की टीम ने बृहस्पतिवार से ही प्रयागराज में डेरा डाल दिया है। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने शासन के निर्देश पर महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की जांच सीबीआई से कराने के संबंध में 22 सितंबर को कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखा था।
अपर मुख्य सचिव के पत्र पर कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का उत्तर प्रदेश शासन का अनुरोध 23 सितंबर को स्वीकृत कर लिया। उल्लेखनीय है कि सोमवार को महंत नरेंद्र गिरि अपने मठ के कमरे में मृत पाए गए थे।
पुलिस के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या की। सोमवार की देर रात अमर गिरि पवन महाराज द्वारा जार्जटाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसमें महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया।
हालांकि घटनास्थल पर मिले कथित सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि के इस कदम के लिए तीन लोगों- महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि, बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके पुत्र संदीप तिवारी को जिम्मेदार ठहराया गया।
अदालत कथित सुसाइड नोट में उल्लेखित तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज चुकी है। इस बीच, महंत नरेंद्र गिरि को समाधि दिए जाने के बाद विभिन्न अखाड़ों के लगभग सभी साधु-संत अपने मठ लौट गए और महंत नरेंद्र गिरि के श्रीमठ बाघंबरी गद्दी में सन्नाटा पसरा रहा।(भाषा)