नई दिल्ली। Bilkis Bano case Updates : गुजरात (Gujarat) में 2002 में हुए दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार की शिकार हुईं बिलकीस बानो (Bilkis Bano) ने 11 दोषियों की सजा माफ करने के राज्य सरकार के फैसले को रद्द करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय ऐसा ही महसूस होता है। गुजरात सरकार के सजा में छूट देने के फैसले को रद्द करते हुए शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने बिना सोचे-समझे आदेश जारी किया।
अपनी वकील शोभा गुप्ता के माध्यम से जारी एक बयान में, बानो ने फैसले के लिए शीर्ष अदालत को धन्यवाद दिया और कहा कि आज मेरे लिए वास्तव में नया साल है। उन्होंने कहा कि इस राहत से मेरी आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। मैं डेढ़ साल से अधिक समय में पहली बार मुस्कुरा पाई हूं।
मैंने अपने बच्चों को गले लगा लिया। ऐसा लगता है जैसे पहाड़ के आकार का पत्थर मेरे सीने से हटा दिया गया है, और मैं फिर से सांस ले सकती हूं। बानो ने कहा कि न्याय ऐसा ही महसूस होता है। मुझे, मेरे बच्चों और हर जगह की महिलाओं सभी को समान न्याय प्रदान करने का वादा करके यह समर्थन और आशा देने के लिए मैं भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय को धन्यवाद देती हूं।
गुजरात सरकार पर अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों को दो सप्ताह में जेल वापस जाने का भी निर्देश दिया।
बयान में बानो ने यह भी कहा कि उनके जैसा संघर्ष कभी अकेले नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “मेरे साथ मेरे पति और मेरे बच्चे हैं। मेरे पास मेरे दोस्त हैं जिन्होंने मुझे इतनी नफरत के समय में बहुत प्यार दिया है, और हर मुश्किल मोड़ पर मेरा हाथ थामा है।
मेरे पास एक असाधारण वकील हैं, एडवोकेट शोभा गुप्ता, जो 20 से अधिक वर्षों तक मेरे साथ रही हैं और जिन्होंने मुझे न्याय के बारे में कभी उम्मीद नहीं खोने दी। उन्होंने कहा कि “डेढ़ साल पहले, 15 अगस्त, 2022 को, जब उन लोगों को, जिन्होंने मेरे परिवार को तबाह कर दिया था और मेरे अस्तित्व को आतंकित कर दिया था, जल्दी रिहाई दे दी गई, तो मैं टूट गई थी।” बानो ने कहा कि उन्हें लगा कि उनका 'साहस' ख़त्म हो चुका है, हालांकि इस बीच लोगों ने उनका समर्थन किया।
बानो ने कहा कि भारत के हजारों आम लोग और महिलाएं आगे आईं। वे मेरे साथ खड़े हुए, मेरा साथ दिया और सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। पूरे देश से 6,000 लोगों और मुंबई से 8,500 लोगों ने अपीलें लिखीं, 10,000 लोगों ने एक खुला पत्र लिखा। कर्नाटक के 29 जिलों के 40,000 लोगों ने भी ऐसा ही किया।
उन्होंने कहा कि इनमें से प्रत्येक व्यक्ति को, आपकी बहुमूल्य एकजुटता और समर्थन के लिए मेरा आभार। आपने मुझे न केवल मेरे लिए, बल्कि भारत की हर महिला के लिए न्याय के विचार को बचाने को लेकर संघर्ष करने की इच्छाशक्ति दी। मैं आपको धन्यवाद देती हूं।
टीएमसी ने भाजपा पर साधा निशाना : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बिलकीस बानो मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले की सोमवार को सराहना की और दोषियों की रिहाई को सुविधाजनक बनाने के लिए भाजपा की आलोचना की।
अदालत के फैसले के बाद एक्स पर एक पोस्ट में टीएमसी ने कहा कि यह फैसला महिलाओं के प्रति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उदासीनता को "उजागर" करती है। पार्टी ने फैसले को भाजपा के चेहरे पर "तमाचा" करार दिया।
टीएमसी ने कहा कि गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो के 11 बलात्कारियों की रिहाई को रद्द करने वाला उच्चतम न्यायालय का फैसला महिलाओं के प्रति भाजपा की घोर उदासीनता को उजागर करता है। यह भाजपा के चेहरे पर एक तमाचा है जिसने इन अपराधियों की रिहाई में मदद की और दोषियों का महिमामंडन किया। राजनीतिक एजेंडे पर न्याय की हमेशा जीत होगी। भाषा