नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राम रहीम की दत्तक पुत्री हनीप्रीत इंसां की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा है। राम रहीम को 25 अगस्त को बलात्कार के दो मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से फरार चल रही हनीप्रीत ने अपने वकील के जरिये दिल्ली उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। इस पर मंगलवार दोपहर बाद सुनवाई करने के बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा लिया।
न्यायालय ने दिल्ली में जमानत याचिका दायर किए जाने पर सवाल करते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका क्यों नहीं दाखिल की गई। हनीप्रीत के अधिवक्ता प्रदीप कुमार आर्य ने न्यायालय से तीन सप्ताह की अग्रिम जमानत देने का अनुरोध किया।
न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सवाल किया कि यह याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में कैसे आई है? इस पर वकील आर्य ने कहा कि हनीप्रीत के पास दिल्ली में आवास है और उसे गिरफतारी की आशंका थी। न्यायालय ने वकील से यह भी पूछा कि हनीप्रीत ने अब तक आत्मसमर्पण क्यों नहीं किया है।
हनीप्रीत के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और आज ग्रेटर कैलाश में उसे पकड़ने के लिए छापा भी मारा गया था। उसके खिलाफ पहले ही लुकआउट नोटिस जारी किया जा चुका है।
न्यायालय में हनीप्रीत ने हनीप्रीत तनेजा के नाम से अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। उसके वकील का कहना है कि हनीप्रीत निरंतर उसके संपर्क में है और हरियाणा पुलिस ने ग्रेटर कैलाश की जिस कोठी पर छापा मारा वह डेरा की संपत्ति बताई जा रही है। यह संपत्ति राजीव मल्होत्रा नामक व्यक्ति की निगरानी में है। हनीप्रीत की जमानत याचिका पर इस कोठी का पता होने के कारण ही पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए दबिश दी थी।