gujarat rains : गुजरात में भारी बारिश से तबाही का तांडव, 3 की मौत, नदियां खतरे के निशान के ऊपर, NDRF ने 400 लोगों को बचाया

जर्जर मकान ढहने से 3 की मौत

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 24 जुलाई 2024 (20:39 IST)
कई गांवों का संपर्क टूटा 
स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी
रेल सेवाएं भी प्रभावित
 
Gujarat Rains News : गुजरात में बुधवार को भारी बारिश के बीच नदियों के उफान पर होने से कई गांवों का संपर्क टूट गया और निचले इलाकों में पानी भर गया। सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में भारी बारिश हो रही है। बारिश में फंसे सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सूरत, भरूच और आणंद जैसे दक्षिण और मध्य गुजरात के जिलों में भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इसके कारण अधिकारियों को कुछ जगहों पर स्कूल एवं कॉलेज में अवकाश घोषित करना पड़ा। कुछ इलाकों में रेल सेवाएं भी प्रभावित हुईं। मौसम विभाग ने राज्य के कई स्थानों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। 
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प्रशासन ने बारिश प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को निकालने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय अग्निशमन दलों के कर्मियों को तैनात किया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के आंकड़ों के अनुसार आणंद जिले के बोरसाद तालुका में सुबह आठ बजे से सिर्फ चार घंटे में 314 मिलीमीटर बारिश हुई।
 
अधिकारियों ने बताया कि निचले इलाकों में पानी भर जाने के बाद लगभग 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। आणंद के जिलाधिकारी प्रवीण चौधरी ने कहा कि एनडीआरएफ की एक टीम को सेवा में लगाया गया है और प्रशासन फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए प्रयास कर रहा है।
स्कूलों में छुट्टी : अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को सूरत में हुई भारी बारिश के कारण शहर में जलभराव हो गया और कई गांवों का संपर्क टूट गया, जिससे लगभग 200 लोगों को प्रभावित स्थानों से निकालकर दूसरे स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। भरूच और नवसारी में प्रशासन ने भारी बारिश के कारण शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया है।
 
एक अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ कर्मियों की एक टीम फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए सूरत जिले के मंगरोल तालुका के लिंबाडा पहुंची। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर जिले में 132 सड़कों को बंद कर दिया गया। एसईओसी के आंकड़े के मुताबिक बुधवार सुबह छह बजे तक 24 घंटे में सूरत जिले के उमरपाड़ा (276 मिलीमीटर), पलसाना (250), कामरेज (208) और बारडोली (202) सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
 
भरूच के जिलाधिकारी तुषार सुमेरा ने बताया कि सुबह 4 बजे से भरूच जिले में बहुत भारी बारिश हुई, खासकर हंसोट, झगडिया, वालिया और नेत्रंग और अंकलेश्वर तालुकाओं में। सुबह आठ बजे के बाद जिले के जंबूसर में भी बहुत भारी बारिश हुई।" उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण जिला प्रशासन ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा, "हमारी टीम भरूच शहर में जलभराव पर कड़ी नजर रखे हुए हैं... कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है।"
 
कई नदियां खतरे के निशान के करीब : नवसारी जिले में प्रशासन ने पूर्णा नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद नवसारी और बिलिमोरा शहरों में लगभग 150 लोगों को स्थानांतरित किया। अधिकारियों ने कहा कि कावेरी और अंबिका जैसी नदियां भी अपने खतरे के निशान के करीब बह रही हैं, जिससे कई स्थानों पर यातायात बाधित हो गया है। पश्चिमी रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि वडोदरा मंडल में एक रेलवे पुल के नीचे जल स्तर बढ़ने के कारण लंबी दूरी की 11 एक्सप्रेस रेलगाड़ियों के परिचालन में बदलाव किया गया, जबकि चार स्थानीय यात्री रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं।
जर्जर इमारत ढहने से 3 की मौत : गुजरात में देवभूमि द्वारका जिले के जाम खंभालिया नगर में भारी बारिश के बीच तीन मंजिला एक जर्जर इमारत गिरने से एक बुजुर्ग महिला और उसकी दो पोतियों की मौत हो गई। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
 
पुलिस ने बताया कि यह घटना शहर के गगवानी फली इलाके में मंगलवार शाम हुई और शवों को छह घंटे चले बचाव अभियान के बाद बरामद किया जा सका। पुलिस ने बताया कि मलबे में फंसे पांच अन्य लोगों को स्थानीय लोगों ने निकाल लिया। पुलिस के मुताबिक, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम ने भारी बारिश से इमारत ढहने के बाद पीड़ितों पर गिरे मलबे को हटाया।
 
मृतकों की पहचान केशरबेन कंजारिया (65), प्रीतिबेन कंजारिया (15) और पायलबेन कंजारिया (18) के रूप में हुई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के जिलों में भारी बारिश जारी है, जिससे निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। उन्होंने बताया कि बांधों में क्षमता से अधिक पानी भर गया है और मानसूनी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। Edited by : Sudhir Sharma

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