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Mumbai Rain : महाराष्ट्र में बारिश से तबाही, कोंकण में रेल सेवा प्रभावित होने से 6000 यात्री फंसे, PM मोदी ने CM ठाकरे से की बात

हमें फॉलो करें Mumbai Rain : महाराष्ट्र में बारिश से तबाही, कोंकण में रेल सेवा प्रभावित होने से 6000 यात्री फंसे, PM मोदी ने CM ठाकरे से की बात
, शुक्रवार, 23 जुलाई 2021 (00:05 IST)
मुख्यबिंदु
चिपलून में बाढ़ से हाहाकार
बाढ़ से ट्रेनें हुईं प्रभावित
6 हजार यात्री फंसे
मुंबई। महाराष्ट्र में भारी बारिश और नदियों में उफान आने से कोंकण रेलवे मार्ग पर ट्रेन सेवांए प्रभावित हुईं और करीब 6 हजार यात्री फंस गए। भारी बारिश की वजह से मुंबई सहित राज्य के कई अन्य हिस्सों में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ है। इसकी वजह से अधिकारियों को बचाव कार्य में प्रशासन की मदद के लिए एनडीआरएफ को बुलानी पड़ी है।

प्रधानमंत्री ने ठाकरे से की बात : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण उत्पन्न स्थिति पर गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा की और उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

पीएम मोदी ने महाराष्ट्र को मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने में केंद्र की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है। मोदी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बातचीत के दौरान आज यह आश्वासन दिया।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश तथा बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की। स्थिति से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। प्रार्थना है कि वहां सभी ठीक-ठाक और सुरक्षित रहे।
 
कोंकण रेलवे मार्ग प्रभावित होने की वजह से अब तक 9 रेलगाड़ियों का मार्ग परिवर्तन किया गया है या रद्द किया गया है या उनके मार्ग को छोटा किया गया है। भारी बारिश की वजह से कोंकण क्षेत्र की प्रमुख नदियां रत्नागिरि और रायगढ़ जिले में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और सरकारी अमला प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में जुटा है।
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मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लगातार हो रही बारिश से इन दो तटीय जिलों में उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की है। वहीं भारत मौसम विभाग (IMD) ने तटीय क्षेत्रों के लिए अगले 3 दिन तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने और नदियों के जलस्तर पर नजर रखने एवं लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है।
 
कोंकण रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मार्ग पर व्यवधान के कारण 9 ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया, उन्हें गंतव्य से पहले रोका गया है या रद्द कर दिया गया है। कोंकण रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ये ट्रेनें अलग-अलग स्टेशनों पर सुरक्षित स्थानों पर हैं और उनके अंदर मौजूद यात्री भी सुरक्षित हैं। उन्हें खाने-पीने का सामान मुहैया कराया जा रहा है।
 
अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के कारण रत्नागिरि में चिपलून और कामठे स्टेशन के बीच वशिष्ठी नदी पुल का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस खंड पर ट्रेन सेवाएं अस्थायी तौर पर निलंबित कर दी गई हैं। 
 
रेलवे अधिकारियों के अनुसार कोंकण रेल मार्ग पर 5,500-6,000 यात्री ट्रेनों में फंस गए हैं। कोंकण रेलवे का मुंबई के पास रोहा से मंगलुरु के पास स्थित थोकुर तक 756 किलोमीटर लंबा रेल मार्ग है। महाराष्ट्र, गोआ और कर्नाटक मार्ग चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में से एक हैं, क्योंकि यहां कई कई नदियां, घाटियां और पहाड़ हैं।
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कोंकण रेलवे ने बताया कि चिपलून में बाढ़ की स्थिति के कारण 9 ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया, उन्हें गंतव्य से पहले रोका गया है या रद्द कर दिया गया है। इनमें से दादर-सावंतवाडी स्पेशल ट्रेन को चिपलून स्टेशन और सीएसएमटी-मडगांव जनशताब्दी स्पेशल ट्रेन को खेड़ स्टेशन की ओर मोड़ दिया गया है।
 
कोंकण रेलवे के प्रवक्ता गिरीश करंदीकर ने बताया कि इन ट्रेनों में सवार यात्री सुरक्षित हैं। तमाम परेशानियों के बावजूद कोंकण रेलवे यात्रियों को खाने-पीने का सामान मुहैया कराया जा रहा है। करंदीकर ने कहा कि हमने सभी फंसे हुए यात्रियों को चाय, नाश्ता और पेयजल मुहैया कराने की व्यवस्था की है।
 
जगबुड़ी, वशिष्ठी, कोडावली, शस्त्री, बाव समेत रत्नागिरी जिले की प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसके परिणामस्वरूप खेड़, चिपलून, लांजा, राजापुर, संगमेश्वर कस्बे और आस-पास के इलाके प्रभावित हुए हैं और इन इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
 
सीएमओ के वक्तव्य के अनुसार पड़ोसी रायगढ़ जिले में भी इसी प्रकार कुंडलिका, अंबा, सावित्री, पातालगंगा, गढ़ी, उल्हास सहित प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। समीक्षा बैठक के दौरान ठाकरे ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले तीन दिनों तक इस क्षेत्र में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
 
इस बीच सीएमओ ने कहा कि सतारा जिले के लोकप्रिय हिल स्टेशन महाबलेश्वर में बीते 24 घंटे में 480 मिमी बारिश हुई है, जिससे सावित्री और अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक बुधवार को रात सवा दस बजे मध्य रेलवे ने मुंबई से 120 किलोमीटर दूर कसारा के पास अंबरमाली स्टेशन के पास पटरियों पर बहुत ज्यादा पानी भर जाने और कसारा घाट पर पत्थर टूटकर गिरने की घटनाओं के बाद टिटवाला और इगतपुरी रेल खंड के बीच मध्य रेलवे ने यातायात निलंबित कर दिया।
 
उन्होंने बताया कि बाद में देर रात 12 बजकर 20 मिनट पर मध्य रेलवे ने मुंबई से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित वंगानी स्टेशन के पास बाढ़ आने और खंडाला घाट खंड में कुछ पत्थरों के गिरने के बाद अंबरनाथ और लोनावला के बीच यातायात रोक दिया। हालांकि इस मार्ग को बृहस्पतिवार दोपहर को 17 घंटे के बाद बहाल कर दिया गया।
 
मध्य रेलवे के मुख्य प्रवक्ता शिवाजी सुतार ने बताया कि लंबी दूरी की ट्रेनों को बहाल करने में कुछ समय लगेगा और फंसे हुए यात्रियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से कसारा के बीच रेल खंड को बृहस्पतिवार अपराह्न 3 बजे बहाल कर दिया गया।
 
उन्होंने बताया कि पूरी रात हुई बारिश की वजह से कसारा से इगतपुरी के 14 किलोमीटर लंबे पहाड़ी इलाके में 6 स्थानों पर भूस्खलन और पटरी पर चट्टाने गिरने की घटनाएं होने की सूचना मिली। मुंबई से उत्तर और पूर्वी भारत रेलगाड़ियों कसारा घाट से होकर जाती हैं। सुतार के मुताबिक कसारा घाट मार्ग में फंसी तीन रेलगाड़ियों को इगतपुरी ले जाया गया है। इन यात्रियों के लिए मध्य रेलवे ने एमएसआरटीसी की बसों की व्यवस्था की है।
 
अधिकारियों ने बताया कि कोल्हापुर जिले में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश से कई राज्य राजमार्गों के कुछ हिस्सों पर पानी भरने की समस्या पैदा हो गई और उसे यातायात के लिए बंद करना पड़ा। उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह 8 बजे तक पिछले 24 घंटे में पश्चिमी महाराष्ट्र के इस जिले में रिकॉर्ड स्तर पर 93 मिमी बारिश दर्ज की गई। जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ ने बताया कि कोल्हापुर की पंचगंगा नदी में राजाराम बांध में जलस्तर ‘चेतावनी’ के स्तर को पार कर गया।
 
उन्होंने बताया कि तीन जिला सड़कों को बंद करना पड़ा क्योंकि इसके कई हिस्से जलमग्न हो गए। कई ग्रामीण इलाकों में पुल के ऊपर से पानी बह रहा है और ऐसे में यहां यातायात गतिविधियां बंद हैं। जिले से गुजरने वाले कुछ राज्य राजमार्ग पर भी यातायात प्रभावित है। इलाके में स्थिति विभिन्न बांधों के जलग्रहण क्षेत्र में गत 48 घंटे से भारी बारिश हो रही है जिसकी वजह से ये जलाशय भर गए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने पहले कहा था कि नौ बचाव दलों को महाराष्ट्र भेजा गया है, जिनमें से दो कोल्हापुर जिले में भेजा गया है। इनमें से बाढ़ संभावित शिरोल तहसील में बचाव या एहतियाती तौर पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम करेंगे। वहीं अन्य दल कोल्हापुर शहर में बचाव कार्य के लिए तैनात रहेगा।
 
मुंबई के पड़ोसी ठाणे और पालघर और कोंकण के कई जिलों में गत कुछ दिनों से भारी जारी है। भीषण बारिश के कारण कई स्थानों पर पानी भर गया, कुछ स्थानों पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं और कुछ गांव पूरी तरह डूब गए।
 
कई नदियां कुछ स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। एनडीआरएफ की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उसकी चार टीमों को मुंबई, और एक-एक टीम को ठाणे और पालघर जिलों में तैनात किया गया है। एक टीम दोपहर बाद रत्नागिरि जिले के चिपलुन नगर पहुंचेगी।

ठाणे जिले के सहापुर तालुका के कुछ गांव डूब गए हैं और स्थानीय अधिकारी एनडीआरएफ की मदद से वहां फंसे सैककड़ों लोगों का निकालने की कोशिश कर रही है। जलजमाव की घटनाओं से ठाणे जिले के मुंब्रा, भिवंडी, टिटवाला और कसारा इलाकों से लोगों के फंसने की जानकारी मिली है। अधिकारियों ने बताया कि वसई, विरार और पालघर में अन्य स्थानों पर बाढ़ आई है लेकिन अब तक किसी की जान जाने की सूचना नहीं है। ठाणे जिले के कसारा और टिटवाला में भी कुछ लोग बाढ़ में फंस गए थे जिन्हें निकालकर जिला परिषद के स्कूलों में ठहराया गया है।
 
ठाणे के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख संतोष कदम ने बताया कि उन्हें शहर में पेड़ गिरने की मामलों की जानकारी देने के लिए 34 कॉल आए, लेकिन घटनाओं में कोई घायल नहीं हुआ। गणेश नगर में तड़के कुछ घरों में पानी घुस गया और बाद में आपदा मोचन दलों द्वारा लगभग 40 लोगों को वहां से बचाया गया। पालघर कलेक्टर के डॉ. माणिक गुरसाल ने एक संदेश में कहा कि भूस्खलन के बाद नासिक-जवाहर मार्ग बंद कर दिया गया था।

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