सिरसा। डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम सिंह के साथ साए की तरह चिपकी रहने वाली हनीप्रीत इन्सां भले ही बाबा को अपना पिता मानती हो, लेकिन उसके रिश्तों की कड़ी एक के बाद एक खुलकर सामने आ रही है। हनीप्रीत कौर का असली नाम प्रियंका तनेजा है, जिसका ताल्लुक हरियाणा के फतेहाबाद से रहा है।
प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत इन्सां के असली पिता का नाम रामानंद तनेजा है। उसका असली नाम कभी का दुनिया से गायब हो गया है और बलात्कारी बाबा ने उसे जो नाम दिया था (हनीप्रीत इन्सां) वही उसकी असली पहचान बन गई है। हनीप्रीत का बाबा गुरमीत राम रहीम के आगे समर्पण बेकार नहीं गया और बाबा ने उसे ही नहीं बल्कि पूरे खानदान को ऐशो-आराम की जिंदगी दे डाली है।
बाबा की इस असीम कृपा का ही नतीजा है कि पुलिस ने जब बलात्कारी बाबा को सिरसा के डेरे से गिरफ्तार किया तो हनीप्रीत भी उसके साथ हेलीकॉप्टर में बैठकर गई और 20 साल जेल की सजा होने के बाद भी वह बाबा के साथ ही रहने की जिद करने लगी।
यह है हनीप्रीत की असली दास्तान : असल में हनीप्रीत के दादा डेरा सच्चा सौदा में कई सालों तक रहे। हनीप्रीत के पिता रामानंद तनेजा हरियाणा के फतेहाबाद में जगजीवनपुरा में रहते थे और उनकी टायर की दुकान हुआ करती थी। बाद में वे अपना पुश्तैनी मकान और दुकान बेचकर डेरा सच्चा सौदा में आ गए। यहीं पर उन्होंने अपनी जमा पूंजी दान कर दी।
गुरमीत राम रहीम की सेवा में लगी हनीप्रीत बाबा के बहुत करीब आ गई थी। 2009 में बाबा ने उसकी शादी विश्वास गुप्ता से करवा दी। विश्वास को डेरे में ही सिक्युरिटी का काम सौंप दिया गया। विश्वास एक दिन भी पत्नी सुख नहीं पा सका। एक बार उसने अपनी पत्नी को बाबा के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया। इसके बाद उसने केस लगाया और दोनों का तलाक 2011 में इसलिए हो गया, क्योंकि विश्वास के पास केस लड़ने के पैसे नहीं थे।
तलाक के बाद बाबा गुरमीत राम रहीम और हनीप्रीत की नजदीकियां बढ़ती चली गईं। बाबा ने भी हनीप्रीत के पूरे परिवार पर मेहरबानी की। उसके पिता रामानंद तनेजा को सीड्स प्लांट का काम सौंप दिया और उनकी मदद के लिए उसके भाई साहिल को भी काम पर रखवा दिया। हनीप्रीत ने राम रहीम द्वारा निर्मित कुछ फिल्मों में बाबा के साथ अभिनय भी किया है। यही नहीं, हनीप्रीत की छोटी बहन नीशु की शादी संजू बजाज से करवाकर उसे गुड़गांव में फैशन डिजाइनर बनवा दिया यानी हनीप्रीत की एक कुर्बानी से पूरा तनेजा परिवार ऐश की जिंदगी जीने लगा।
बाबा गुरमीत राम रहीम और हनीप्रीत के संबंधों को इस तरह समझा जा सकता है कि बाबा उसके लिए सबसे खास था। गोद लेने के बाद वह बाबा को ही पापा बताती फिरती थी। यही नहीं, फादर्स डे पर सोशल मीडिया में हनीप्रीत ने विश भी किया तो गुरमीत राम रहीम को। उसने अपने असली पिता को विश करना जरूरी नहीं समझा। प्रियंका तनेजा से हनीप्रीत बनने का उसका यह सफर किसी परी कथा से कम नहीं है, लेकिन जितनी तेजी से वह फर्श से अर्श तक पहुंची थी, उतनी तेजी से अर्श से फर्श पर आ गिरी हैं...