इलाहाबाद। साधु-संतों की जानी-मानी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सनातन धर्म का गलत प्रचार करने या आपराधिक कार्यों में लिप्त रहने का आरोप लगाते हुए रविवार को 14 बाबाओं को फर्जी करार दे दिया।
परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की अध्यक्षता में रविवार को यहां हुई बैठक में सर्वसम्मति से 14 बाबाओं को फर्जी करार देने का निर्णय लिया गया है। जिन बाबाओं को फर्जी बताया गया है उनमें आसाराम बापू उर्फ आशूमल शिरमलानी, सुखविंदर कौर, सच्चिदानंद उर्फ राधे मां, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह, ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ॐ नम: शिवाय बाबा, नारायण सांईं, रामपाल, कुशिमुनि, बृहस्पति गिरि और मलखान गिरि शामिल हैं।
महंत गिरि ने कहा कि सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि धर्म को बदनाम करने वाले फर्जी बाबाओं से समाज की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि फर्जी संतों और बाबाओं के कारण ही समाज में साधु-संतों को लेकर गलत संदेश जा रहा है। जिन्हें रोकना जरूरी है, नहीं तो इनके कारण ही सच्चे संतों के प्रति भी समाज का विश्वास खत्म हो जाएगा।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करने वाले फर्जी बाबाओं द्वारा धर्म को बदनाम नहीं करने दिया जाएगा। फर्जी बाबाओं के कारण समाज में गलत संदेश जा रहा है जिसे रोकना हमारा कर्तव्य है। सच्चे संत कभी महिलाओं को शिष्या नहीं बनाते। उनको धन और वैभव से कोई लेना-देना नहीं होता। उनके लिए जग कल्याण ही सर्वोपरि है।
बाघम्बरी गद्दी में करीब 2 घंटे तक चली बैठक में अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधियों ने कहा कि इन फर्जी 14 बाबाओं की सूची प्रशासन को भेजी जाएगी और उनसे अनुरोध किया जाएगा कि कुंभ, अर्धकुंभ और हर साल लगने वाले माघ मेले में इन्हें किसी प्रकार शिविर लगाने के लिए स्थान नहीं दें। (वार्ता)