ओटीटी प्लेटफॉर्म के संबंध में दिशा-निर्देश तैयार, जल्द ही नियम होंगे लागू

Webdunia
मंगलवार, 9 फ़रवरी 2021 (15:49 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म (ओवर द टॉप) पर दिखाई जाने वाली सामग्री को लेकर लगातार मिल रहीं शिकायतों और सुझावों के मद्देनजर दिशा-निर्देश तैयार किए जा चुके हैं और इन्हें जल्द ही लागू किया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाने वाली सामग्री को लेकर कई शिकायतें मिल रही हैं और इसके नियमन के बारे में सुझाव भी मिले हैं। इसे एक महत्वपूर्ण विषय बताते हुए जावड़ेकर ने कहा कि इसके संबंध में दिशा-निर्देश तैयार किए जा चुके हैं और जल्द ही उन्हें लागू किया जाएगा। इससे पहले भाजपा के महेश पोद्दार ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान इंटरनेट बेहद उपयोगी ऑनलाइन मंच के रूप में उभरा है और मनोरंजन के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म की लोगों तक पहुंच बढ़ी है।
ALSO READ: भावुक आजाद का विदाई भाषण, अल्लाह से यही दुआ है... भारत से आतंकवाद खत्म हो जाए...
उन्होंने कहा लेकिन इसमें दिखाई जाने वाली सामग्री की भाषा आपत्तिजनक होती है। इस मंच का नियमन किया जाना चाहिए। शून्यकाल में ही सपा के रामगोपाल यादव ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को सरकार में संयुक्त सचिव के पद पर सीधी नियुक्ति दिए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसा होने की वजह से आईएएस अधिकारियों और सिविल सेवा परीक्षाओं के प्रतिभागियों में नाराजगी है।
ALSO READ: अमेरिकी विश्वविद्यालय ने श्रीश्री रविशंकर को वैश्विक नागरिकता दूत के तौर पर दी मान्यता
यादव ने यह भी दावा किया कि अब तक इस तरह की गई नियुक्तियों में आरक्षण व्यवस्था का ध्यान नहीं रखा गया। उन्होंने कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को इस संबंध में निर्देश दिए जाने की मांग की। राकांपा की वंदना चव्हाण ने कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन घटाने के लक्ष्य में भारत के पीछे रहने का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि इसके लिए विशेषज्ञों ने भारत में वनीकरण को बढ़ा कर दोगुना करने का सुझाव दिया है। वंदना ने मांग की कि इसके लिए सरकार को बजटीय सहयोग बढ़ाना चाहिए और राज्यों को जनभागीदारी के साथ आवश्यक कदम उठाने के लिए कहना चाहिए। द्रमुक के तिरूचि शिवा ने तमिल भाषा से जुड़ा मुद्दा उठाया।
ALSO READ: Uttarakhand: रावत का बड़ा बयान, सुरंग में अभियान कुछ धीमा हुआ
उन्होंने कहा कि आरटीआई के माध्यम से तमिलनाडु के 39 केंद्रीय विद्यालयों में तमिल भाषा का एक भी शिक्षक नहीं होने की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा इस स्थिति में स्थानीय विद्यार्थियों को होने वाली समस्याओं का अनुमान लगाया जा सकता है। शिवा ने तमिल भाषा को राज्य में अनिवार्य बनाए जाने की मांग की। अन्नाद्रमुक के गोकुल कृष्णन ने पुडुचेरी के लिए बजटीय अनुदान बढ़ाए जाने की मांग की, वहीं कांग्रेस के नीरज डांगी ने कर्मचारी पेंशन योजना से जुड़ा मुद्दा उठाया।
 

तेदेपा सदस्य के रवीन्द्र कुमार ने विशाखापट्टनम संयंत्र से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए मांग की कि कोई भी कदम उठाने से पहले यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि इस इस्पात संयंत्र में हजारों की संख्या में लोग काम कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि आंध्रप्रदेश पुनर्गठन कानून को पूरी तरह लागू किया जाए और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए। इनके अलावा टीआरएस के बंदा प्रकाश और बीजद के डॉ सस्मित पात्रा ने भी अपने अपने मुद्दे उठाए। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

tirupati laddu पर छिड़ी सियासी जंग, पशु चर्बी के दावे पर तेदेपा-वाईएसआरसीपी आमने-सामने

Kolkata Doctor Case : जूनियर डॉक्‍टरों ने खत्‍म की हड़ताल, 41 दिन बाद लौटेंगे काम पर

कटरा चुनावी रैली में कांग्रेस-नेकां पर गरजे PM मोदी, बोले- खून बहाने के पाकिस्तानी एजेंडे को लागू करना चाहता है यह गठबंधन

Mangaluru : 2 सिर और 4 आंख वाला दुर्लभ बछड़ा पैदा हुआ, देखने के लिए उमड़ा हुजूम

वन नेशन वन इलेक्शन में दक्षिण भारत पर भारी पड़ेगा उत्तर भारत?

सभी देखें

नवीनतम

BSF को मिजोरम में बड़ी सफलता, 40 करोड़ रुपए की नशीली गोलियां जब्त

No Car Day : इंदौर 22 सितंबर को मनाएगा नो कार डे, प्रशासन ने नागरिकों से की यह अपील

कोलकाता में शनिवार को काम पर लौटेंगे जूनियर डॉक्टर, OPD में नहीं करेंगे काम

Haryana : खट्टर के भतीजे ने कांग्रेस में शामिल होने की खबरों का किया खंडन, बोले- भाजपा और अपने चाचा के साथ हूं

LLB अंतिम वर्ष के छात्र भी दे सकेंगे AIBE की परीक्षा, Supreme Court ने BCI को दिए आदेश

अगला लेख
More