महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन, राज्यपाल की भूमिका पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

भाषा
मंगलवार, 12 नवंबर 2019 (22:54 IST)
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका को लेकर कानून के जानकारों की राय बंटी हुई है। जहां पूर्व सॉलीसीटर जनरल मोहन परासरन का कहना है कि राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने में लगता है राज्यपाल ने जल्दबाजी दिखाई, वहीं कुछ अन्य विधि विशेषज्ञों ने कहा कि राज्यपाल ने ऐसा करके कोई असंवैधानिक कृत्य नहीं किया है।
 
संप्रग-2 सरकार के कार्यकाल के दौरान सॉलीसीटर जनरल रहे परासरन ने कहा, 'राष्ट्रपति शासन अंतिम विकल्प है और राज्यपाल को राज्य में सरकार बनाने के लिए समर्थन पत्र देने के लिए शिवसेना को तीन दिन का वक्त देना चाहिए था।'
 
उन्होंने कहा कि क्या हड़बड़ी थी कि चुनाव में दूसरे नंबर पर रही पार्टी को राज्यपाल ने सिर्फ 24 घंटे का वक्त दिया। यह राज्य की जनता और विधायकों के साथ भी सही नहीं हुआ।

ALSO READ: Maharashtra : नहीं बनी सरकार, महाराष्ट्र में अब राष्ट्रपति शासन
परासरन ने कहा कि राज्यपाल को निर्वाचित सरकार के गठन के लिए और विकल्पों को टटोलना चाहिए था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन लोगों की आकांक्षा और जनादेश को विफल करता है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने लगता है कि जल्दबाजी में कदम उठाया। शिवसेना के उच्चतम न्यायालय में जाने पर परासरन ने कहा कि कोई भी यह नहीं कह सकता कि न्यायालय में क्या होगा?
 
इस बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं संविधान विशेषज्ञ राकेश द्विवेदी ने कहा, 'मेरा मानना है कि राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करके कुछ भी असंवैधानिक नहीं किया है।'
 
उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजे आने के 18 दिन बीत गए और यह सभी पार्टियों के लिए इस बात का फैसला करने के लिये लंबा वक्त था कि वे किसके साथ गठबंधन करना चाहते हैं।

ALSO READ: राष्ट्रपति शासन ने जगाई उम्मीदें, क्या महाराष्‍ट्र में बनेगी भाजपा सरकार
इसी तरह की राय जाहिर करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्यपाल ने ‘निष्पक्ष तरीके से काम’ किया है और वैसी स्थिति में जब कोई भी पार्टी उनके पास बहुमत साबित करने के लिए जरूरी आंकड़ों के साथ नहीं पहुंची तो निश्चित तौर पर वह अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं और राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं।
 
सिन्हा ने कहा कि संवैधानिक योजना के तहत राज्यपाल के पास दो विकल्प थे-या तो वह उस पार्टी को बुलाएं जिसके पास बहुमत साबित करने के लिए जरूरी संख्या बल है या किसी भी पार्टी के जरूरी समर्थन के आंकड़े के साथ नहीं आने पर राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं।

ALSO READ: कांग्रेस आहत, राज्यपाल कोश्यारी ने हमें क्यों नहीं बुलाया
द्विवेदी ने कहा कि राज्य में इस तरह के राजनीतिक हालात हैं कि सिर्फ गठबंधन सरकार ही हो सकती है और अब तक कोई भी पार्टी सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए आगे नहीं आई है।
 
द्विवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है और उस परिस्थिति में राज्यपाल ने सबसे बातचीत की है--निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी के साथ उन्होंने चर्चा नहीं की है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने सारी संभावनाएं तलाशने के बाद निष्पक्ष तरीके से काम किया है। इसके अलावा, पार्टियां सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिये राज्यपाल से संपर्क करने के लिये अब भी स्वतंत्र हैं।
 
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाने का मतलब यह नहीं है कि राजनीतिक दलों के गठबंधन बनाने और जरूरी संख्या बल होने पर सरकार बनाने के लिए राज्यपाल से वे संपर्क नहीं कर सकते हैं।
 
गौरतलब है कि राजनीतिक गतिरोध के बीच केंद्र ने महाराष्ट्र में मंगलवार शाम को राष्ट्रपति शासन लगा दिया। राज्यपाल कोश्यारी ने केंद्र को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा हालात में उनके प्रयासों के बावजूद स्थिर सरकार का बनना असंभव है। राष्ट्रपति शासन लगाने के कदम की गैर भाजपाई दलों ने आलोचना की है।
 
राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 105, शिवसेना के 56, राकांपा के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

tirupati laddu पर छिड़ी सियासी जंग, पशु चर्बी के दावे पर तेदेपा-वाईएसआरसीपी आमने-सामने

Kolkata Doctor Case : जूनियर डॉक्‍टरों ने खत्‍म की हड़ताल, 41 दिन बाद लौटेंगे काम पर

कटरा चुनावी रैली में कांग्रेस-नेकां पर गरजे PM मोदी, बोले- खून बहाने के पाकिस्तानी एजेंडे को लागू करना चाहता है यह गठबंधन

Mangaluru : 2 सिर और 4 आंख वाला दुर्लभ बछड़ा पैदा हुआ, देखने के लिए उमड़ा हुजूम

वन नेशन वन इलेक्शन में दक्षिण भारत पर भारी पड़ेगा उत्तर भारत?

सभी देखें

नवीनतम

सुप्रीम कोर्ट का यूट्यूब चैनल हैक, हैकर्स ने चलाया क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा वीडियो

स्कूल से लौट रही आदिवासी नाबालिग से गैंगरेप, आरोपियों की तलाश जारी

प्रियंका गांधी का बड़ा बयान, आज की राजनीति में जहर घुल चुका है

शाह ने दी नक्सलियों को हथियार छोड़ने की चेतावनी, वरना परिणाम भुगतने को रहें तैयार

live : खरगे को जेपी नड्‍डा के जवाब से प्रियंका गांधी नाराज

अगला लेख
More