नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम संघों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस समय कोरोना वासरस महामारी के चलते पाबंदी के इस दौर में जरूतमंद मजदूर परिवारों को 3 माह तक 7,500 रुपए की नकद सरकारी मदद दिए जाने की अपील की है। इन संगठनों ने आवागमन पर लागू प्रतिबंध में फंसे श्रमिकों को मुफ्त यात्रा की व्यवस्था किए जाने की भी मांग की है।
श्रमिक संगठनों ने इन मांगों को लेकर मोदी को संयुक्त ज्ञापन भेजा है। इस पर 10 यूनियनों के हस्ताक्षर हैं।सरकार ने कोविड-19 महामारी की रोकथाम के उपाय के तौर पर देशभर में लोगों को अपने घरों में रहने का निर्देश दिया है तथा सामान्य यातायात तथा व्यावसायिक कायों पर पाबंदी लगा दी है। यह पाबंदी 25 मार्च से लागू है।
ज्ञापन में प्रधानमंत्री से कहा गया है कि इस समय श्रमजीवी लोगों को अपने जीवन-यापन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नकद सहायता बहुत जरूरी हो गई है। हम प्रत्येक जरूरतमंद परिवार (आयकर भुगतान के दायरे में न आने वाले परिवारों) को 3 माह तक करीब 7,500 रुपए की सरकारी मदद की मांग करते हैं।
पत्र में जगह-जगह फंसे परदेसी मजदूरों को रेलगाड़ी या सार्वजनिक परिवहन प्रणाली से अपने गांव-घर वास जाने की मुफ्त सुविधा किए जाने की भी मांग की गई है। पत्र पर इंटक, एटक, एचएमएस,सीटू, एआईयूटीयूसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, टीयूसीसी और यूटीयूसी के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं। (भाषा)