नई दिल्ली। भारतीय थलसेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) होंगे। 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाने की बात कही थी। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट कमेटी ने रावत के नाम पर मुहर लगा दी। रावत 31 दिसंबर को थलसेना प्रमुख के पद से रिटायर हो रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के 65 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा तक सेवा देने के लिए नियमों में संशोधन किया है। अगर तीनों सेनाओं के प्रमुख में से किसी को नियुक्त किया जाता है तो चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की अधिकतम आयु 65 वर्ष करने के लिए सेवानिवृत्ति आयु में विस्तार करने के लिए सेना, नौसेना और भारतीय वायुसेना के सेवा नियमों में बदलाव किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त 2019 को जब प्रधानमंत्री ने चीफ ऑफ डिफेंस का पद बनाने की घोषणा की थी, उसके तत्काल बाद 'वेबदुनिया' ने सबसे पहले सटीक अनुमान व्यक्त किया था कि थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस हो सकते हैं।
इस संबंध में 'वेबदुनिया' ने तर्क दिया था कि सेना ने जनरल रावत के नेतृत्व में जिस तरह सर्जिकल स्ट्राइक्स को अंजाम दिया और और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाए और उनका खात्मा किया, उससे देश में रावत की अलग ही छवि बनी।