सेना ने जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) को गैर-राजपत्रित अधिकारी बताने वाले अपने एक पिछले नोट को खारिज करते हुए कहा कि जेसीओ राजपत्रित (गजेटेड) अधिकारी होते हैं। इस कदम से 64 हजार से अधिक सैन्य अधिकारियों को फायदा होगा।
सेना ने दो दिन पहले यह निर्णय लिया जो बड़ी संख्या में इसके जवानों के बीच वेतन-असमानता तथा रैंक से संबंधित मुद्दों को लेकर उपजे असंतोष के बीच लिया गया। सेना मुख्यालय ने एक आधिकारिक प्रपत्र में 2011 में एक आरटीआई अर्जी के जवाब में जारी अपने एक पत्र को रद्द कर दिया है। इस पत्र में कहा गया था कि जेसीओ गैर-राजपत्रित अधिकारी होते हैं।
उच्च पदस्थ आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सेना ने जेसीओ के दर्जे पर 2011 में बड़ी गलती की थी और अब सेना मुख्यालय ने अस्पष्टता को समाप्त करते हुए साफ कर दिया है कि जेसीओ राजपत्रित अधिकारी हैं। इस नए फैसले से 64 हजार से अधिक जेसीओ को लाभ होगा। इनमें नायब सूबेदार, सूबेदार और सूबेदार मेजर शामिल हैं।