हरिद्वार। भले ही यह दावा किया जाता हो कि गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक आरटीआई के जवाब में स्वीकार किया है कि गंगा का पानी इतना मैला हो चुका है कि पीना तो दूर नहाने लायक भी नहीं बचा है।
बोर्ड ने कहा कि हरिद्वार जिले में गंगा का पानी तकरीबन हर पैमाने पर असुरक्षित है। यहां के 20 घाटों पर प्रतिदिन लगभग 50 हजार श्रद्धालु स्नान करते हैं।
प्रदूषण बोर्ड ने गंगोत्री से हरिद्वार के बीच 11 स्थानों पर गंगाजल के नमूनों की जांच की थी। जांच में पता चला कि हरिद्वार के आसपास गंगाजल में बीओडी, कोलिफॉर्म और दूसरे जहरीले पदार्थों की मात्रा काफी ज्यादा है।
उल्लेखनीय है कि मिशन क्लीन गंगा मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक हैं। उन्होंने इस कार्य के लिए एक मंत्रालय का भी गठन किया है। इसकी कमान वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती को सौंपी गई है।