नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने संसद में सवाल पूछने के एवज में कथित रूप से धनराशि लेने के वर्ष 2005 के बहुचर्चित मामले में गुरुवार को 11 पूर्व सांसदों के खिलाफ रिश्वत और आपराधिक षड्यंत्र रचने संबंधी आरोप तय करने के निर्देश दिए।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान संसद में सवाल पूछने के एवज में कैमरे के समक्ष धनराशि लेने की बात स्वीकार कर इन सांसदों ने अपने पद का दुरुपयोग किया था।
गौरतलब है कि दो पत्रकारों ने इन सांसदों के खिलाफ एक स्टिंग ऑपरेशन किया था और इसे 12 दिसम्बर 2005 को एक निजी न्यूज चैनल पर प्रसारित किया था और इसी मामले को सवाल के बदले धनराशि घोटाला नाम दिया गया था। पुलिस ने इस मामले में सांसदों के खिलाफ एक आरोप पत्र दाखिल किया था।
इन 11 सांसदों में छत्रपाल सिंह लोढा (भाजपा), अन्ना साहेब एमके पाटिल (भाजपा), मनोज कुमार (राजद), चन्द्र प्रताप सिंह (भाजपा), राम सेवक सिंह (कांग्रेस), नरेन्द्र कुमार कुशवाहा (बसपा), प्रदीप गांधी (भाजपा), सुरेश चंदेल (भाजपा), लालचंद कौल (बसपा), वाईजी महाजन (भाजपा) और राजा रामपाल (बसपा) शामिल हैं।
इनके अलावा अदालत ने रवीन्द्र कुमार के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए हैं। एक आरोपी विजय फोगाट की मौत होने के मामले में उसके खिलाफ कार्यवाही समाप्त कर दी गई है।
पुलिस पहले ही इस मामले में वेब पोर्टल के दो पत्रकारों के खिलाफ रिश्वत के लिए उकसाने के मामले में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। हालांकि इस मामले में इनके खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही को दिल्ली उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।
विशेष जज पूनम चौधरी ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी और न्यायालय ने उस दिन सभी आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए हैं। (वार्ता)