नई दिल्ली। असम, बिहार और पश्चिम बंगाल में बाढ़ के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इन तीनों राज्यों में बाढ़ के कहर से हो रही मौतों का आंकड़ा फिलहाल थमता दिखाई नहीं दे रहा है।
असम में बुधवार को 11 और लोगों की मौत हुई जिससे मृतकों का आंकड़ा 39 हो गया। राज्य के कुल 32 जिलों में से 24 में करीब 33.45 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। असम में इस साल बाढ़ से कुल 123 लोगों की मौत हो चुकी है।
बिहार में अब तक 72 लोगों की मौत हो जाने के साथ बाढ़ से 14 जिलों की 73.44 लाख आबादी प्रभावित हुई है।
आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रदेश के 14 जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, गोपालगंज, सुपौल एवं मधेपुरा में से सबसे अधिक 20 लोग अररिया में, सीतामढ़ी में 11, पश्चिमी चंपारण में 9, किशनगंज में 8, मधुबनी एवं पूर्णिया में 5—5, मधेपुरा एवं दरभंगा में 4—4, पूर्वी चंपारण में 3, शिवहर 2 और सुपौल में एक व्यक्ति की मौत हुई है।
उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण इन 14 जिलों के 110 प्रखंड और 1,151 पंचायत क्षेत्र प्रभावित हुए हैं और कुल 73.44 लाख आबादी प्रभावित हुई है।
राज्य सरकार के द्वारा बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित निकाले जाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। अब तक 2.74 लाख लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और 504 राहत शिविरों में 1.16 लाख व्यक्ति शरण लिए हुए हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ बाढ़ प्रभावित बेतिया एवं वाल्मीकिनगर का हवाई सर्वेक्षण करने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण वे उड़ान नहीं भर सके। वे बाढ़ की स्थिति और बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी और उसके बारे में वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने के साथ आवश्यक निर्देश देते रहे।
वहीं, पश्चिम बंगाल आपदा मोचन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में बाढ़ से कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई और 14 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
उधर, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है। (भाषा)