Congress President Mallikarjun Kharge news: राज्यसभा में सरकार को विपक्ष के साथ मिलकर काम करने की नसीहत देते हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का संघीय ढांचा दिनोदिन कमजोर होता जा रहा है।
नए संसद भवन में राज्यसभा की पहली बैठक को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कांग्रेस की पिछली सरकारों को श्रेय नहीं देते। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में ही पारित हो गया था, लेकिन उसमें बाधा आ गई और वहीं रुक गया।
खरगे ने मणिपुर हिंसा के मामले में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उच्च सदन में कोई बयान नहीं देने को लेकर उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इतने मजबूत हैं कि एक-एक घंटा, दो-दो घंटा, तीन-तीन घंटा बोलेंगे और हर दिन बोलेंगे लेकिन मणिपुर पर नहीं बोलेंगे...।
इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने सदन में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए कई बार प्रयास किया और सदस्यों को मौके दिए गए लेकिन सदस्यों ने दिए गए मौकों का उपयोग नहीं किया।
गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा में मणिपुर के मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखा था। किंतु इस मुद्दे पर राज्यसभा में लगातार गतिरोध बना रहा था क्योंकि विपक्ष कार्यस्थगन प्रस्ताव वाले नियम 267 के तहत इस विषय पर चर्चा कराना चाहता था।
भाजपा ने चुनी हुई सरकारें गिराईं : खरगे ने कहा कि भाजपा नीत सरकार सिर्फ लोकतंत्र की बात करती है, लेकिन कई राज्यों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को उसने गिरा दिया। खरगे ने कहा कि राज्यों को जीएसटी राशि समय से नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों को जीएसटी, मनरेगा, कृषि, सिचाई सहित विभिन्न कार्यक्रमों की अनुदान राशि समय से नहीं मिलती है। उन्होंने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या इससे ऐसे राज्य कमजोर नहीं होंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खरगे का प्रतिवाद करते हुए कहा कि उनका बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उधार लेकर राज्यों को जीएसटी का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि राज्यों को हर बार एक दो महीने एडवांस में भी जीएसटी का भुगतान किया गया। उन्होंने जोर दिया कि किसी भी राज्य का कोई भी जीएसटी पैसा केंद्र पर बकाया नहीं है।
इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने दोनों नेताओं को अपने बयानों को अभिप्रमाणित करने का निर्देश दिया और कहा कि वे आज ही अपने दावों के समर्थन में संबंधित दस्तावेज सदन के पटल पर रखेंगे। नेता प्रतिपक्ष खरगे ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों की आदत है कि वे कमजोर महिलाओं को टिकट देते हैं, वे ऐसी महिलाओं को टिकट नहीं देते जो सक्षम हैं, लड़ सकती हैं।
कमजोर लोगों को टिकट : उनकी इस टिप्पणी पर सत्ता पक्ष की ओर से कड़ी आपत्ति जताई गई जिससे सदन में कुछ देर हंगामे की भी स्थिति रही। खरगे ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दल कमजेार लोगों को टिकट देते हैं और उन्होंने सब पार्टी की बात की है। उन्होंने कहा कि भारत में सभी दलों की यही कहानी है और महिलाओं को उनका उचित हक नहीं दिया जाता।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खरगे की टिप्पणी पर आपत्ति जताई और कहा कि खरगे के बयान में सबको लपेट लिया गया है और सभी दलों के बारे में उनका ऐसा कहना उचित नहीं है। सीतारमण ने कहा कि यह बयान देना कि सभी पार्टियां उन महिलाओं को चुनती हैं जो प्रभावी नहीं हैं, अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, हमारी पार्टी ने हम सभी को सशक्त बनाया है। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सशक्त महिला हैं।
इस पर खरगे ने कहा कि पिछड़े एवं अनुसूचित जाति की महिलाओं को ऐसे मौके नहीं मिलते जो उन्हें (सीतारमण को) मिल रहा है। सीतारमण ने कहा कि खरगे को अपने बयान के बारे में एक बार फिर से सोचना चाहिए। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि महिला आरक्षण एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है और इस संबंध में पूरी दुनिया की नजर है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में कई प्रयास हुए हैं और सदस्यों को इस संबंध में गंभीरता से सोचना चाहिए।
संघीय ढांचा हो रहा है कमजोर : खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देश के संघीय ढांचे को मजबूत बनाने की बात की है, लेकिन उनके नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में देश का संघीय ढांचा दिन पर दिन कमजोर होता जा रहा है।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बैठक के पहले दिन हमें राजनीति से ऊपर उठकर बात करनी चाहिए। खरगे ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह संघीय ढांचे को मजबूत करने की बात करती है, लेकिन पिछले दिनों महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर की निर्वावित सरकारों को गिरा दिया गया।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि इस सरकार का गठन 2014 में हुआ था और नई सरकार बनने के बाद 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट आई जिसे लागू किया गया था और उसमें किसी राज्य के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया। टोकाटोकी के बीच खरगे ने कहा कि वह जब भी बोलते हैं तो व्यवधान पैदा किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री यहां हैं, लेकिन वह भी उन सदस्यों को नहीं रोक रहे हैं...।
खरगे ने कहा कि हम सब को मिलकर काम करना है अगर मिलकर काम नहीं करेंगे तो देश का उद्धार नहीं होने वाला है। उनके संबोधन के बाद उच्च सदन की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। (भाषा)