Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

...तो अक्टूबर-नवंबर में Corona की तीसरी लहर चरम पर होगी, बचना है तो त्योहारों पर हो जाएं सावधान

हमें फॉलो करें ...तो अक्टूबर-नवंबर में Corona की तीसरी लहर चरम पर होगी, बचना है तो त्योहारों पर हो जाएं सावधान
, शुक्रवार, 17 सितम्बर 2021 (20:08 IST)
नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी (Coronavirus) की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच त्योहारों का मौसम और इस दौरान लोगों द्वारा कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन महत्वपूर्ण कारक साबित होंगे।
 
विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि तीसरी लहर के संबंध में वायरस का एक नया स्वरूप निर्णायक साबित हो सकता है क्योंकि त्योहारों के दौरान लोगों की भीड़ में इसके तेजी से फैलने की संभावना अधिक होगी।
 
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तनकीकी परामर्शदाता समूह के कोविड-19 कार्यसमूह के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से तेजी से हो रहे टीकाकरण और सार्स-सीओवी-2 के किसी नए स्वरूप के सामने नहीं आने के बाद अब तीसरी लहर को लेकर सबसे बड़ा खतरा तब होगा जब लोग त्योहारों में नियमों का पालन करना भूल जाएंगे।
 
उन्होंने कहा कि सामाजिक और धार्मिक आयोजनों से उन लोगों के बीच डेल्टा वायरस तेजी से फैल सकता है, जिन्हें अब भी संक्रमण का खतरा है। इसलिए इस बात की पुरजोर सलाह दी जाती है कि लोग पूरी ईमानदारी से कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाएं तथा प्रशासन सामाजिक एकत्रीकरण को हतोत्साहित करने के लिए कड़े कदम उठाए।
 
वहीं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस समय कोविड-19 के मामलों में तेजी से गिरावट देखी जा रही है और स्थिति काफी बेहतर है। हालांकि आने वाले दिनों में त्योहारों के मौसम तथा उस दौरान कोविड संबंधी तौर-तरीकों के पालन में आने वाली कमी, बड़े स्तर पर भीड़ का जुटना भी तीसरी लहर को लेकर निर्णायक कारक साबित हो सकते हैं।
webdunia
उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन महीने देश में स्थिति बेहतर बने रहने के लिहाज से रोकथाम वाली रणनीतियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। चिकित्सा विज्ञानी और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ चंद्रकांत लहरिया ने कहा कि रोजाना आने वाले कोविड-19 के मामलों की संख्या कम है तथा अधिकतर भारतीय राज्यों में यह स्थिर हो गई है, लेकिन पूरी दुनिया में लोगों के भीड़ के रूप में जुटने से मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, फिर भले ही लोग कम संख्या में जुटे हों या बड़ी संख्या में।
 
उन्होंने कहा कि इसलिए अगले तीन महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं जिनमें कई पर्व पड़ेंगे। अगर लोग, खासतौर पर वे, जिन्होंने टीके की दोनों खुराक नहीं ली हैं, किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचते हैं तो अगली लहर को टालने की गुंजाइश होगी।
 
लहरिया ने कहा कि अगले साल क्या होगा जब अधिकतर वयस्क भारतीय आबादी टीका लगवा चुकी होगी। यह टीका लगवाने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता बने रहने की अवधि, वायरस के किसी चिंताजनक स्वरूप के सामने आने और कुछ अन्य अज्ञात कारकों के बारे में बनती वैज्ञानिक समझ पर निर्भर करेगा।
 
महामारी का गणितीय मॉडल बनाने में शामिल एक वैज्ञानिक ने अगस्त में आशंका जताई थी कि यदि भारत में वायरस के मौजूदा स्वरूपों से अधिक संक्रामक कोई स्वरूप सितंबर तक सामने आता है तो अक्टूबर से नवंबर के बीच कोविड-19 की तीसरी लहर चरम पर हो सकती है। हालांकि इसकी तीव्रता दूसरी लहर के मुकाबले कम रहने की संभावना व्यक्त की गई थी। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

श्रीनगर में आतंकी हमला, एक रेलवे पुलिसकर्मी शहीद