नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में लोकसभा और विधानसभा की दर्जनभर सीटों पर सोमवार को हो रहे उपचुनाव के दौरान वोटिंग मशीनों में खराबी और मतदान में बाधा उत्पन्न किए जाने संबंधी मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा है कि इन्हें बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है।
आयोग की ओर से जारी बयान के मुताबिक उपचुनाव में मतदान के दौरान ईवीएम वीवीपीएटी में व्यापक पैमाने पर खराबी और महाराष्ट्र एवं उत्तरप्रदेश में मतदान में बाधा पहुंचाए जाने संबंधी मीडिया रिपोर्टों को वास्तविक स्थिति की तुलना में बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।
उल्लेखनीय है कि उत्तरप्रदेश की कैराना और महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट पर उपचुनाव में मतदान के दौरान ईवीएम में खराबी और बाधाएं उत्पन्न किए जाने की शिकायतें मिलने के बाद आयोग ने यह स्पष्टीकरण दिया है।
आयोग की दलील है कि लोकसभा या विधानसभा के प्रत्येक चुनाव अथवा उपचुनाव में सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों की 20 से 25 प्रतिशत अतिरिक्त संख्या उपलब्ध रहती है जिससे मशीनों के खराब होने की स्थिति में तत्काल अतिरिक्त मशीनें लगाई जा सकें। अतिरिक्त मशीनें सेक्टर अफसर की अभिरक्षा में रखी जाती हैं जिन्हें वह मशीनों के खराब होने पर बदलता है। प्रत्येक सेक्टर अफसर के क्षेत्राधिकार में लगभग दर्जनभर मतदान केंद्रों में मशीनों के रखरखाव की जिम्मेदारी होती है।
आयोग ने कुछ मीडिया रिपोर्टों में आईं भंडारा-गोंदिया सीट पर 35 मतदान केंद्रों पर मतदान रद्द होने की खबरों को निराधार बताते हुए इसी क्षेत्र में 25 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर ईवीएम वीवीपीएटी मशीनों के खराब होने संबंधी खबरों को भी गलत करार दिया। आयोग ने स्पष्ट किया कि भंडारा गोंदिया सीट पर किसी भी मतदान केंद्र पर वोटिंग रद्द नहीं की गई है।
आयोग ने कहा कि जिस किसी भी मतदान केंद्र पर जरूरत महसूस की गई, वहां ईवीएम या वीवीपीएटी में बदलाव किए जाने के बाद सभी केंद्रों पर निर्बाध एवं सुचारु मतदान जारी है। हालांकि आयोग ने निर्वाचन अधिकारी की ओर से मतदान के दौरान बाधाएं उत्पन्न किए जाने की शिकायतें मिलने की हकीकत को स्वीकार करते हुए इन पर संज्ञान लेने की बात कही है। (भाषा)