नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य को 2 केंद्रशासित हिस्सों में बांटे जाने के बाद नियंत्रण रेखा पर सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है जिससे कि पाकिस्तान के किसी भी संभावित दुस्साहस का जवाब दिया जा सके।
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में तैनात शीर्ष सैन्य कमांडर राज्य में समूची सुरक्षा स्थिति पर नजर रखे हुए हैं जिससे कि किसी भी तरह की गड़बड़ी से निपटा जा सके। सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार के साहसिक फैसलों के बाद पाकिस्तान कश्मीर घाटी में गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश कर सकता है और आईईडी विस्फोटों तथा फिदायीन हमलों सहित हिंसा में बढ़ोतरी हो सकती है।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुरक्षाबल किसी भी स्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार हैं। हम स्थिति को हाथ से बाहर नहीं जाने देंगे। सूत्रों ने कहा कि राज्य में उसी तरह की हिंसा और हिंसक प्रदर्शन कराने का प्रयास हो सकता है, जैसा कि जुलाई 2016 में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हुआ था।
वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में व्यापक हिंसा हुई थी, जो लगभग साढ़े 4 महीने चली थी। अधिकारी ने कहा कि हम कश्मीर में हिंसा की इस तरह की स्थिति दोबारा उत्पन्न नहीं होने देंगे। वायुसेना भी उच्च स्तर के अलर्ट पर है। बालाकोट में आतंकी ठिकाने पर की गई कार्रवाई और फिर पाकिस्तान के हमले के प्रयास के बाद से ही वायुसेना जम्मू-कश्मीर में अलर्ट पर है।
उन्होंने कहा कि इस बारे में ठोस सूचना थी कि पाकिस्तान में मौजूद एक आतंकी समूह अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हमले की साजिश रच रहा था जिसके बाद सरकार ने पिछले सप्ताह सुरक्षा परामर्श जारी कर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से तत्काल घाटी छोड़ने को कहा।