लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवरिया शहर स्थित बालिका एवं नारी संरक्षण गृह में लड़कियों से कथित रूप से वेश्यावृत्ति कराए जाने के सनसनीखेज खुलासे के बाद सख्त कार्रवाई करते हुए आज जिलाधिकारी को हटा दिया और तत्कालीन जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) को निलम्बित कर दिया।
प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने इस मामले पर मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद संवाददाताओं को बताया कि योगी के आदेश पर देवरिया के जिलाधिकारी सुजीत कुमार को हटा दिया गया है। वह एक वर्ष से वहां के जिलाधिकारी थे। उन्हें उस संरक्षण गृह को बंद करने के लिए कई बार पत्र लिखे गए लेकिन उन्होंने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। जांच रिपोर्ट आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
उन्होंने बताया कि संरक्षण गृह को बंद करने का आदेश दिए जाने से छह महीने बाद तक देवरिया के डीपीओ रहे अभिषेक पाण्डेय को निलम्बित कर दिया गया है। उनके बाद दो अधिकारियों नीरज कुमार और अनूप सिंह को उनके विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। इन दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
रीता ने माना कि इस मामले में स्थानीय प्रशासनिक स्तर पर ढिलाई जरूर हुई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार और अपर पुलिस महानिदेशक अंजू गुप्ता को हेलीकॉप्टर से मौके पर भेजा है। वे संरक्षण गृह से मुक्त करायी गई सभी बच्चियों से अलग-अलग बात करके कल तक रिपोर्ट देंगी। उसके आधार पर कार्रवाई। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
मंत्री ने बताया कि बिहार के मुजफ्फरपुर काण्ड के बाद मुख्यमंत्री योगी ने गत तीन अगस्त को सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने यहां चल रहे समस्त संरक्षण गृहों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे। मगर मुख्यमंत्री ने ऐसा ना होने पर नाराजगी जाहिर की है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने अब सभी जिलाधिकारियों को शासन को अपनी रिपोर्ट देने के लिए 12 घंटे की मोहलत दी है। मालूम हो कि मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान द्वारा देवरिया शहर कोतवाली क्षेत्र में संचालित बाल एवं महिला संरक्षण गृह में रहने वाली एक लड़की ने रविवार को महिला थाने पहुंचकर संरक्षण गृह में रह रही लड़कियों को कार से अक्सर बाहर ले जाए जाने और सुबह लौटने पर उनके रोने की बात बताई थी।
इस शिकायत पर पुलिस ने संबंधित संस्थान परिसर में छापा मारकर 24 लड़कियों को मुक्त कराया। साथ ही संस्थान परिसर को सील करते हुए वहां की अधीक्षका कंचनलता, संचालिका गिरिजा त्रिपाठी तथा उसके पति मोहन त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया। संरक्षण गृह में 42 लड़कियों का पंजीयन कराया गया है जिनमें से 18 अभी लापता हैं। उनकी तलाश की जा रही है। (भाषा)