Delhi's Finance Minister raised questions on the Union Budget : दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए शुक्रवार को केंद्र से 10000 करोड़ रुपए की मांग की और दावा किया कि आयकर के रूप में पिछले साल 2 लाख करोड़ रुपए का योगदान देने के बावजूद दिल्ली को कुछ नहीं मिला। मंत्री ने कहा कि दिल्ली ने केंद्रीय करों में सीजीएसटी के रूप में 25000 करोड़ रुपए का योगदान दिया है।
केंद्र का वर्षिक बजट पेश होने से पहले आतिशी ने दिल्ली के लिए अधिक धनराशि जारी करने की वकालत करते हुए कहा कि धन राशि को सड़क, परिवहन और बिजली क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ शहर के सौंदर्यीकरण पर खर्च किया जा सकता है। संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
आतिशी ने कहा कि केंद्र को मुंबई से पांच लाख करोड़ रुपए कर के रूप में मिलते हैं और बदले में केंद्र महाराष्ट्र सरकार को 54000 करोड़ रुपए देता है। दिल्ली की तरह बेंगलुरु भी करों के रूप में दो लाख करोड़ रुपए का योगदान देता है और केंद्र सरकार केंद्रीय करों से उसे 33000 करोड़ रुपए प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी तरफ 2001 से केंद्र सरकार केंद्रीय करों से दिल्ली सरकार को केवल 325 करोड़ रुपए का भुगतान कर रही है। हालांकि पिछले साल यह भुगतान भी बंद कर दिया गया और अब राष्ट्रीय राजधानी को एक रुपया भी नहीं दिया जाता।
मंत्री ने कहा कि शहर के लोगों ने पिछले साल करों के रूप में दिल्ली सरकार को 35000 करोड़ रुपए का भुगतान किया, जिसे 24 घंटे मुफ्त बिजली, अस्पतालों में मुफ्त इलाज, सड़कों और फ्लाईओवर के निर्माण व रखरखाव जैसी सुविधाएं प्रदान करने पर खर्च किया गया। दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए आतिशी ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने केंद्र को जो कुल 2.32 लाख करोड़ रुपए कर के रूप में दिए, उसमें से उसने दिल्ली पर एक भी रुपया खर्च नहीं किया।
इस बीच, भाजपा की दिल्ली इकाई के सचिव हरीश खुराना ने मंत्री पर पलटवार करते हुए उन पर इस मुद्दे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। खुराना ने दावा किया कि केंद्र ने 2015 में दिल्ली सरकार को 4,258 करोड़ रुपए दिए थे, जो 2022 में बढ़कर 11945 करोड़ रुपए हो गए। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour