‍दिल्ली लगातार चौथे साल दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी, भारत के अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता ठीक नहीं

Webdunia
मंगलवार, 22 मार्च 2022 (18:24 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली 2021 में लगातार चौथे साल दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनकर उभरी और बीते वर्ष सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले विश्व के 50 शहरों में से 35 शहर भारत में थे। सबसे अहम बात यह है कि भारत का कोई भी शहर डब्ल्यूएचओ के वायु गुणवत्ता स्तर पर खरा नहीं उतरा। 
 
यह रिपोर्ट स्विस संगठन ‘आईक्यूएयर’ द्वारा तैयार की गई है और इसे मंगलवार को वैश्विक स्तर पर जारी किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भारत का कोई भी शहर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित वायु गुणवत्ता मानक (5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पीएम-2.5 सांद्रता) पर खरा नहीं उतर सका।
 
साल 2021 में वैश्विक स्तर पर वायु गुणवत्ता की स्थिति बयां करने वाली यह रिपोर्ट 117 देशों के 6,475 शहरों की आबोहवा में पीएम-2.5 सूक्ष्म कणों की मौजूदगी से जुड़े डेटा पर आधारित है।
 
इसमें सबसे प्रदूषित राजधानियों की सूची में ढाका (बांग्लादेश) दूसरे, एनजमीना (चाड) तीसरे, दुशांबे (ताजिकिस्तान) चौथे और मस्कट (ओमान) पांचवें स्थान पर है।
 
रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में नई दिल्ली में पीएम-2.5 सूक्ष्म कणों के स्तर में 14.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 2020 में 84 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से बढ़कर 2021 में 96.4 माइक्रोग्राम प्रति घट मीटर हो गया।
 
इसमें कहा गया है, दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से 35 भारत में हैं। देश में पीएम-2.5 का वार्षिक औसत स्तर 2021 में 58.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया, जिससे इसमें तीन वर्षों से दर्ज किया जा रहा सुधार थम गया।
 
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पीएम-2.5 का वार्षिक औसत स्तर 2019 में लॉकडाउन से पहले के स्तर पर पहुंच गया है। चिंता की बात यह है कि 2021 में कोई भी भारतीय शहर 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के डब्ल्यूएचओ के मानक पर खरा नहीं उतरा।
 
रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि 48 फीसदी शहरों में पीएम-2.5 कणों का स्तर 50 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक था, जो डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित मानक से 10 गुना है।
 
ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेन मैनेजर अविनाश चंचल ने ‘आईक्यूएयर’ के हालिया आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट सरकारों और निगमों के लिए आंखें खोलने वाली है।
 
उन्होंने कहा कि इससे एक बार फिर साबित होता है कि लोग खतरनाक रूप से प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। वाहनों से होने वाला उत्सर्जन शहरों की आबोहवा में पीएम-2.5 कणों की भारी मौजूदगी के प्रमुख कारकों में से एक है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2021 में वैश्विक स्तर पर कोई भी देश डब्ल्यूएचओ के मानक पर खतरा नहीं उतरा और दुनिया के केवल तीन देशों ने इसे पूरा किया।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

1000km दूर बैठा दुश्मन पलक झपकते तबाह, चीन-पाकिस्तान भी कांपेंगे, लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

उद्धव ठाकरे की 2 दिन में 2 बार चेकिंग से गर्माई महाराष्ट्र की सियासत, EC ने कहा- शाह और नड्डा की भी हुई जांच

महाराष्ट्र में विपक्ष पर बरसे मोदी, कहा अघाड़ी का मतलब भ्रष्टाचार के सबसे बड़े खिलाड़ी

Ayushman Card : 70 साल के व्यक्ति का फ्री इलाज, क्या घर बैठे बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड, कैसे चेक करें पात्रता

बोले राहुल गांधी, भाजपा ने जितना पैसा अरबपति मित्रों को दिया उससे ज्यादा हम गरीब और किसानों को देंगे

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: झारखंड में दिखा मतदान का उत्साह, राज्यपाल संतोष गंगवार ने डाला वोट

Weather Update: पहाड़ों पर बर्फबारी से मैदानी भागों में बढ़ी ठंड, दिल्ली एनसीआर में सुबह-शाम हल्की ठंड का एहसास

ट्रंप ने मस्क को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, विवेक रामास्वामी को भी मिला अहम पद

Jharkhand Election: झारखंड में सत्ता का कौन बड़ा दावेदार, किसकी बन सकती है सरकार

Manipur: जिरिबाम में मेइती समुदाय के 2 पुरुषों के शव बरामद, 3 महिलाएं और 3 बच्चे लापता

अगला लेख
More