जहांगीरपुरी हिंसा : दिल्ली की सांप्रदायिक हिंसा में मुख्य साजिशकर्ता सहित 22 गिरफ्तार, क्राइम ब्रांच करेगी मामले की जांच

Webdunia
सोमवार, 18 अप्रैल 2022 (00:05 IST)
नई दिल्ली। उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जयंती पर निकाली गयी शोभायात्रा पर पथराव के बाद भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने ‘मुख्य षड्यंत्रकारियों’ सहित 22 लोगों को गिरफ्तार किया है। इलाके में रविवार को तनावपूर्ण शांति बनी रही और दंगारोधी पुलिस सड़कों पर गश्त करती नजर आई और अधिकतर लोग घरों के अंदर ही रहे। 
 
10 टीमों का गठन : हिंसा के दौरान फायरिंग करने वाला असलम भी दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। हिंसा की जांच के लिए पुलिस की 10 टीमें गठित की गई हैं। पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी मोहम्मद असलम और सह-आरोपी मोहम्मद अंसार को सोमवार तक पुलिस हिरासत में भेजा है जबकि अन्य 12 आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। 
 
क्राइम ब्रांच को मामला : पुलिस ने सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया था और कहा था कि अंसार और असलम मुख्य साजिशकर्ता हैं। पुलिस ने बताया कि झड़प के सिलसिले में दो किशोरों को भी पकड़ा गया है। उन्होंने बताया कि मामलों को आगे की जांच के लिए क्राइम ब्रांच को हस्तांतरित कर दिया गया है। इस बीच, तनाव कम करने के लिए पुलिस ने रविवार को अमन समितियों के सदस्यों के साथ बैठक की और उनसे कहा कि वे अपने-अपने इलाकों में शांति बनाए रखने की लोगों से अपील करें। 
पुलिस ने बताया कि जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच हुई झड़प के दौरान पथराव और आगज़नी की घटनाएं हुई थीं, जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय व्यक्ति घायल हो गया था। कुछ गाड़ियों को भी आग लगा दी गई थी। पुलिस ने बताया कि ‘सी’ और ‘डी’ ब्लॉक में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस ने हर 200 मीटर की दूरी पर अवरोधक लगाकर जवानों की तैनाती की है। 
 
अवैध प्रवासियों की भूमिका : दोनों समुदायों के कुछ सदस्यों ने हिंसा के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया जबकि कुछ स्थानीय लोगों ने कहा कि दोनों समुदाय के लोग दशकों से इलाके में एक साथ रहते आए हैं और उन्होंने हिंसा के लिये‘‘बाहरी’’लोगों को जिम्मेदार ठहराया। भाजपा ने ‘अवैध प्रवासियों’की घटना में भूमिका की जांच की मांग करते हुए कहा कि पिछले 70 वर्षों से पिछली सरकारों द्वारा अपनाई जा रही ‘तुष्टिकरण की विचारधारा’ देशभर में हुए सांप्रदायिक दंगों के लिए जिम्मेदार है।
 
बंदूकबाज भी पुलिस के हत्थे : पुलिस उपायुक्त (उत्तर पश्चिम दिल्ली)उषा रंगनानी ने बताया कि शनिवार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 120 बी (आपराधिक साजिश), 147 (दंगा) और शस्त्र कानून की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

उन्होंने बताया, ‘‘ कुल 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि दो किशोरों को भी पकड़ा गया है। तीन बंदूक और पांच तलवारें भी आरोपियों से बरामद की गई हैं। डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में एक आरोपी मोहम्मद असलम है, जिसने कथित रूप से गोली चलाई थी, जो एक उप-निरीक्षक को लगी थी। उन्होंने बताया कि असलम (21) के पास से एक पिस्तौल भी बरामद की गई है, जिसका कथित तौर पर उसने शनिवार शाम अपराध के दौरान इस्तेमाल किया था। वह पहले भी एक मामले शामिल था।
रंगनानी ने बताया कि घायलों का इलाज बाबू जगजीवन राम स्मारक अस्पताल में किया जा रहा है। जिस पुलिस उपनिरीक्षक को गोली लगी थी, उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि हिंसा के पीछे ‘मुख्य षड्यंत्रकारियों’ में से एक, जहांगीरपुरी निवासी अंसार (35) हमले के दो मामलों में शामिल पाया गया है और पहले कई बार एहतियाती धाराओं के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है।
 
विशेष आयुक्त (कानून और व्यवस्था-जोन 1) दीपेंद्र पाठक ने कहा कि जांच जारी है। सीसीटीवी और अन्य वीडियो फुटेज के आधार पर पहचान की आगे की प्रक्रिया की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। हमने यहां अतिरिक्त बल तैनात किया है। हमने अमन समिति की बैठकें की हैं और क्षेत्रों के प्रमुख निवासियों के संपर्क में भी हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में शांति बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि ड्रोन और चेहरा पहचानने वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हंगामा में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए किया जा रहा है।
 
पुलिस ने मामले में गिरफ्तार 14 लोगों को रविवार को स्थानीय अदालत में पेश किया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने मोहम्मद असलम और एक अन्य सह-आरोपी मोहम्मद अंसार को सोमवार तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया, जबकि अन्य 12 आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 
 
बड़ी साजिश का संदेह : मामले के सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया गया और पुलिस ने आरोप लगाया कि अंसार और असलम मुख्य षड्यंत्रकारी थे जिन्हें 15 अप्रैल को ‘शोभा यात्रा’ निकाले जाने के बारे में पता चला और उन्होंने साजिश रची। पुलिस ने कहा कि असलम और अंसार से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है ताकि बड़ी साजिश और अन्य लोगों की संलिप्तता का पता लगाया जा सके। सांप्रदायिक झड़प के केंद्र में रहे सी ब्लॉक पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है और सी ब्लॉक में मस्जिद के पास दुकानें बंद रहीं।
 
क्या बोले स्थानीय निवासी : मस्जिद के पास सी ब्लॉक निवासी दुकानदार मुकेश ने कहा कि जिन लोगों ने इलाके में शांति भंग करने की कोशिश की, वे ‘‘बाहरी’’ रहे होंगे। मुकेश ने कहा कि मैं यहां पिछले 35 साल से रह रहा हूं लेकिन इस इलाके में इस तरह की हिंसा कभी नहीं देखी। हिंदू और मुसलमान यहां शांति से रहते हैं। जुलूस में जो लोग शामिल थे, वे बाहरी रहे होंगे, न कि जहांगीरपुरी के स्थानीय लोग। (इनपुट भाषा)

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