नई दिल्ली, पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और जामिया मिलिया इस्लामिया में शनिवार को कैंडल लाइट मार्च निकाला गया।
करीब 40 साल के सिद्दीकी की शुक्रवार को अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में स्पिन बोल्डक जिले में अफगान बलों और तालिबान के बीच संघर्ष के दौरान मृत्यु हो गयी। वह कंधार के मौजूदा हालात की कवरेज कर रहे थे।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में कैंडल लाइट मार्च के दौरान वर्किंग न्यूज कैमरामैन एसोसिएशन (डब्ल्यूएनसीए) के अध्यक्ष एस. एन. सिन्हा ने कहा कि युद्ध, दंगों और लोगों की तकलीफें तस्वीरों के जरिए सभी तक पहुंचा कर सिद्दीकी अपने पेशे में शीर्ष पर पहुंचे थे।
सिन्हा ने एक बयान में कहा, उन्होंने पूरे जुनून और समर्पण के साथ सभी तस्वीरें लीं, खबरों का कवरेज किया और हमेशा मुश्किल में फंसे लोगों पर ध्यान दिया।
जामिया मिलिया के पुराने छात्र मोहम्मद मेहरबान ने मास कम्युनिकेशन के छात्र सृजन चावला के साथ मिलकर विश्वविद्यालय के गेट नंबर 17 पर कैंडल लाइट मार्च का आयोजन किया जिसमें 500 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।
सिद्दीकी ने अर्थशास्त्र विषय से स्नातक की पढ़ाई की थी। उन्होंने 2007 में जनसंचार विषय में स्नात्कोत्तर किया था। दानिश सिद्दीकी 2011 से समाचार एजेंसी रॉयटर्स के साथ बतौर फोटो पत्रकार काम कर रहे थे। उन्होंने अफगानिस्तान और ईरान में युद्ध, रोहिंग्या शरणार्थी संकट, हांगकांग में प्रदर्शन और नेपाल में भूकंप जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं की तस्वीरें ली थीं। (भाषा)